रायपुर : छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ रुपये के बहुचर्चित शराब घोटाले में विशेष पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) अदालत ने अनवर ढेबर की ओर से दाखिल धारा 190 सीआरपीसी याचिका को स्वीकार कर लिया है। यह फैसला घोटाले से जुड़ी आठ कंपनियों और व्यापारिक संस्थाओं के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कानूनी सूत्रों के अनुसार, इस मामले में वेलकम डिस्टिलरीज़, भाटिया वाइन मर्चेंट्स, सीजी डिस्टिलरीज़, एम/एस नेक्स्ट जेन, दिशिता वेंचर्स, ओम साईं बेवरेजेज, सिद्धार्थ सिंघानिया और एम/एस टॉप सिक्योरिटीज को आरोपी बनाया गया है। जांच एजेंसियों का दावा है कि इन कंपनियों ने अवैध शराब कारोबार से अर्जित धन को बेनामी लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए सफेद धन में बदलने का प्रयास किया।
विशेष अदालत का अहम फैसला
विशेष पीएमएलए अदालत द्वारा धारा 190 सीआरपीसी के तहत संज्ञान लिया जाना इस मामले में कानूनी प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इससे अब आगे की जांच और अभियोजन की कार्रवाई कानून के दायरे में और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ेगी।”
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, CrPC की धारा 190 के तहत किसी भी मजिस्ट्रेट को यह अधिकार प्राप्त है कि वह पुलिस रिपोर्ट, शिकायत या अन्य विश्वसनीय सूचना के आधार पर किसी अपराध पर संज्ञान ले सकता है। इस मामले में विशेष अदालत द्वारा संज्ञान लिए जाने का मतलब है कि अब औपचारिक रूप से इस घोटाले की न्यायिक जांच शुरू हो गई है।