रायपुर:- प्रदेश के आदिवासी बहुल 10 जिलों में 128.09 करोड़ रुपये की कीमत के 4,63,319 टन पीडीएस चावल को कालाबाजार में बेचे जाने का मामला उजागर हुआ है। विधानसभा में तारांकित प्रश्न 58 के जवाब में खाद्य विभाग की रिपोर्ट ने यह कड़वा सच सामने ला दिया। विधानसभा जांच समिति अब इस रिपोर्ट की समीक्षा कर आगे की कार्रवाई तय करेगी।
समिति के सदस्य हैरान हैं कि खाद्य निरीक्षकों ने राशन दुकानों का स्टॉक संचालनालय को भेजने के बाद भी ‘बचत स्टाक’ क्यों नहीं घटाया गया। एनआइसी ने तकनीकी गड़बड़ी बताकर सामान्य जिलों के करीब 400 करोड़ के चावल का समायोजन कर दिया, लेकिन आदिवासी जिलों में यह राहत नहीं दी गई। कारण यहां के अधिकारियों ने कोई ‘दूसरा रास्ता’ नहीं अपनाया।