Chhattisgarh News : अब ना तो बच्चों में शिक्षकों के प्रति वैसा स्नेह है…और ना हीं शिक्षकों में बच्चों के प्रति वो दुलार…। शिक्षक और बच्चों के बीच आज के दौर में सिर्फ पेशेवर रिश्ता ही रह गया…लेकिन इन सब के बीच कुछ ऐसे नजारे मिलते हैं…जो कहने पर विवश कर देते हैं कि आज भी भी शिक्षक और बच्चों के बीच एक खास रिश्ता होता है… जो ना तो डर की बदौलत हासिल किया जा सकता और ना ही वेतन की बदौलत खरीदा जा सकता है। छत्तीसगढ़ के बिलाईगढ़ से ऐसा ही नजारा सामने आया है।
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पूरा मामला छत्तीसगढ के बिलाईगढ़ सारंगढ़ जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला गदहाभाठा का है। जहाँ 16 वर्ष शिक्षक के रूप में सेवा देने के बाद करमुराम टंडन रिटायर हुए। सोमवार को उन्हें विदाई दी गयी। विदाई समारोह के बाद जब शिक्षक करमुराम टंडन जाने के लिए खड़े हुए, सभी स्कूली बच्चे फफक-फफककर रोने लगे। करमूराम अपने कुशल ब्यवहार और कर्त्तव्य निष्ठा के कारण बच्चों के काफी चहेते थे। अपने कार्यकाल में पूरी मेहनत और लगन के साथ स्कूल के बच्चों के भविष्य संवारने लगे रहे।
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काफी देर के बाद गांव के बड़े बुजुर्गों ने बच्चों को संभाला और फिर बच्चे अपने चहेते शिक्षक को लेकर रैली के शक्ल में गांव के बाहर तक आये और फिर उन्हें गाड़ी में बिठाकर रवाना किया। अगर बच्चों का बस चलता तो अपने चहेते अध्यापक को कभी जाने ही नहीं देते। बिलाईगढ़ का ये वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है।