नारायणपुर :- झोलाछाप डॉक्टर से इलाज और उनका परामर्श किसी मरीज के लिए किस तरह जी का जंजाल बन सकता है, इसकी बानगी बसतर संभाग के नारायपुर में देखने को मिली है। एक मरीज अपनी समस्या लेकर झोलाछाप डॉक्टर के पास पहुंचा था लेकिन इस झोलाछाप डॉक्टर ने जो इलाज मरीज को बताया, वह उलटे उसके जान का दुश्मन बन गया।
क्या है पूरा मामला
दरअसल नारायणपुर के जिला अस्पताल में ओड़छा क्षेत्र के जाटलूर गाँव के एक पुरुष मरीज ने एक सप्ताह तक दर्द बाई और तकलीफ़ झेलने के बाद अस्पताल पहुँचकर राहत की सांस ली है। जानकारी के अनुसार, मरीज को एक ने हफ़्ते पहले जलन के साथ पेशाब आने, बुखार और सिरदर्द की शिकायत हुई थी। गाँव के एक झोलाछाप ने इलाज़ के बजाय मरीज को गुप्तांग में अंगूठी पहनने की सलाह दी। अंगूठी पहनने के कुछ ही दिनों बाद उसका लिंग सूज गया और अंगूठी फंस गई। मरीज को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओड़छा ले जाया गया, लेकिन वहाँ एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध न होने के कारण उसे जिला अस्पताल नारायणपुर रेफ़र नहीं किया जा सका। परेशान हाल मरीज ने आखिरकार 8 सितम्बर को मोटरसाइकिल से नारायणपुर पहुँचकर ओपीडी में परामर्श लिया।
जिला अस्पताल के डॉ. धनराज सिंह डरसेना और डॉ. शुभम राय ने मामले का परीक्षण किया। लगभग दो घंटे की कठिन मेहनत और आपसी तालमेल के बाद उन्होंने अंगूठी को काटकर मरीज को दर्द से मुक्त किया।