रायपुर : कांग्रेस ने सदन के अंदर और बाहर दोनों ही जगह अपने दिग्गज नेताओँ और जनप्रतिनिधियों की जासूसी का आरोप लगाकर हल्ला मचाना शुरू कर दिया। वो बार-बार फोन टेपिंग की दुहाई देकर सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है। इस पर प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने आरोपों को खारिज करते हुए उल्टे विपक्ष पर चुनाव-दर-चुनाव हारने की हाताशा और खीज बताते हुए नए बहाने ढूंढने का कटाक्ष किया।
आखिर मामले का पूरा सच क्या है और क्या है इसके पीछे की असल पॉलिटिक्स। छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार पर, विपक्ष के दो सबसे आरोपों पर प्रदेश के डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने करारा प्रहार किया। बीते दिनों PCC चीफ दीपक बैज ने अपने घर की रैकी किए जाने का आरोप लगाया, CM को लेटर लिखकर शिकायत की, बुधवार को बैज समेत कांग्रेस के 3 दिग्गज नेताओं ने फिर दोहराया कि उनके फोन टैप हो रहे हैं, उन पर नजर रखी जा रही है उनकी जासूसी करवाई जा रही है।
इस पर विजय शर्मा ने कहा कि असल में कांग्रेस बीजेपी को मिली प्रचंड जीत से बौखला गई है, इसीलिए बे-सिर-पैर के आरोप लगा रही है, गृहमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष कर कहा कि ऐसा क्या है जो कांग्रेस नेताओं की जासूसी कराई जाए? इधर, बजट सत्र के दौरान कांग्रेसी विधायकों ने जनपद चुनाव में प्रशासन के दुरूपयोग और खरीद-फरोख्त के आरोपों पर सदन से वॉकआउट करने पर भी विपक्ष को घेरा। कटाक्ष कर कहा कि कांग्रेस हर चुनाव बुरी तरह हारी है, पहले EVM का बहाना मारा, अब बैलेट से हारने के बाद वो ये शिगूफा छोड़ रही है।
कांग्रेस को कोई नया बहाना ढूंढना पड़ेगा। वैसे, विपक्षी विधायकों की जासूसी के आरोप नए नहीं हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के वक्त भाजपा ने तब सरकार पर ऐसा ही आरोप लगाया था और आज कांग्रेसी अपने नेताओँ की जासूसी के आरोप लगाकर घेर रही है। बड़ा सवाल ये कि क्या वाकई बीजेपी की लगातार जीत से बौखलाकर विपक्ष के 3-3 बड़े नेताओं जासूसी के आरोप लगा रहे हैं। सवाल ये भी जनपद चुनाव में खरीद-फरोख्त के आरोप खरे हैं या फिर EVM के बाद नया बहाना ?