छत्तीसगढ़:- कोरबा जिले के कुसमुंडा क्षेत्र की महिलाओं ने सोमवार, 8 सितंबर को SECL प्रबंधन के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दिया। महिलाओं ने SECL मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर दी और चारपाई बिछाई और बर्तन रखकर जोरदार नारेबाजी की।
महिलाओं ने प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामीणों से जमीनें ले ली गईं, लेकिन अब तक नौकरी नहीं दी गई और न ही रोजगार का कोई और साधन उपलब्ध कराया गया।
पटवारी से मिलीभगत करके पुश्तैनी जमीन हड़पी
महिलाओं का कहना है कि SECL ने पटवारी के साथ मिलकर उनकी 3 पीढ़ी पुरानी जमीन किसी मेघनाथ नाम के व्यक्ति को बसावट के लिए दे दी है। जब मेघनाथ को मना किया गया, तो उसने कहा कि जाकर SECL प्रबंधन से लड़ो। महिलाएं कहती हैं कि प्रबंधन ने उनकी जमीनें छीन लीं, लेकिन अब तक उन्हें कोई मुआवजा, नौकरी या स्थायी निवास नहीं मिला है। बताते हैं, SECL प्रबंधन ने विस्थापित परिवारों और स्थानीय ग्रामीणों को लंबे समय से रोजगार देने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
जमीन तो ली पर रोजगार नहीं मिला
महिलाओं का कहना है कि खदान के विस्तार के लिए आस-पास के गांवों की जमीनें अधिग्रहित की गईं, लेकिन इसके बदले ना तो स्थायी नौकरी दी गई और ना ही कोई वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराया गया। इससे कई परिवार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
धरना स्थल पर मौजूद महिलाओं ने स्पष्ट कहा कि जब तक उनकी मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं मिलता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रबंधन ने उनकी बातों को नजरअंदाज किया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और उनके परिवार के लोग भी इसमें शामिल होंगे।
प्रबंधन सकते में, पुलिस बल तैनात
महिलाओं द्वारा अचानक की गई तालाबंदी और विरोध प्रदर्शन ने SECL प्रबंधन को सकते में डाल दिया। मुख्य गेट से आने-जाने वाले अधिकारी और कर्मचारी भी असहज स्थिति में दिखाई दिए। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल को मौके पर बुला लिया गया ताकि किसी भी प्रकार की घटना को रोका जा सके।

