खैरागढ़ : इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़, एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। विश्वविद्यालय के नाट्य विभाग के अध्यक्ष और लोक संगीत एवं कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. डॉ. योगेंद्र चौबे के खिलाफ उन्हीं के संकाय में पढ़ने वाली एक छात्रा ने छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस शिकायत के बाद खैरागढ़ पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियमानुसार उन्हें निलंबित कर दिया है।छात्रा के विरोध करने पर भी वह उसे बार-बार अपने पास बुलाता रहा। प्रोफेसर ने उसे मोबाइल पर गंदे मैसेज और रील भेजकर मिलने के लिए दबाव बनाया। छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार कर प्रोफेसर चौबे को जेल भेज दिया गया है।
छात्रा ने लगाए गंभीर आरोप
छात्रा का आरोप है कि स्नातक परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने के बहाने प्रो. चौबे ने उनके साथ अश्लील हरकतें कीं। पहले उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित शिकायत दी, लेकिन उचित कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद, उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग से शिकायत की, जिससे मामला आगे बढ़ा। लंबे समय तक चली जांच प्रक्रिया के बाद महिला आयोग के निर्देश पर पुलिस ने 29 मार्च की शाम को प्रो. चौबे को थाने में तलब किया और पूछताछ के बाद विधिवत गिरफ्तार कर लिया।
मोबाइल मैसेज और रील्स के जरिए बनाया दबाव
सूत्रों के अनुसार, आरोपी प्रोफेसर आमने-सामने बात न बनने पर छात्रा को आपत्तिजनक मैसेज और रील्स भेजकर मिलने के लिए दबाव डालते थे। शुरुआत में रिजल्ट प्रभावित होने के डर से छात्रा ने उनकी हरकतों को नजरअंदाज किया, लेकिन जब उत्पीड़न असहनीय हो गया, तो उन्होंने अपने परिजनों और दोस्तों को इसकी जानकारी दी और फिर थाने व महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई।
कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रो. योगेंद्र चौबे को गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट, राजनांदगांव में पेश किया, जहां कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी और उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
कई धाराओं में मामला दर्ज
खैरागढ़ थाने में प्रो. डॉ. योगेंद्र चौबे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354, 354 (क), 354 (ख), 509, 506 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(2)(v)(क) के तहत अपराध दर्ज किए गए हैं।
विश्वविद्यालय की साख पर बट्टा
इस घटना ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। विश्वविद्यालय पहले भी दुर्व्यवहार और छेड़छाड़ के मामलों को लेकर विवादों में रहा है। कुलपति सत्य नारायण राठौर ने आरोपी प्राध्यापक के निलंबन का आदेश जारी कर दिया है। हालांकि छात्रा ने पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन से इसकी शिकायत की। वहां उस समय कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मामला दबा रहा।जब प्रोफेसर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो छात्रा ने अगस्त 2023 में राष्ट्रीय महिला आयोग से ऑनलाइन शिकायत की। बाद में जब राष्ट्रीय महिला आयोग ने हस्तक्षेप किया और पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए।