रायपुर : छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन की मुश्किले कम होती नजर नही आ रही है। मंत्री लखनलाल देवांगन को जारी नोटिस के मामले में महामंत्री संयज श्रीवास्तव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होने संगठन की इस कार्रवाई पर कहा कि….“पार्टी में मंत्री के आधार पर कोई निर्णय नही होता, बूथ अध्यक्ष को हम प्रताड़ित करते है, ऐसा भी नही है। सभी पार्टी के लिए एक समान है। मंत्री के जवाब के बाद ही आगे निर्णय लिया जायेगा।” संजय श्रीवास्तव के इस बयान के बाद मंत्री लखनलाल देवांगन को लेकर पार्टी और संगठन में सख्त निर्णय लेने का अनुमान लगाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में हुए नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी की रिकार्ड जीत से पार्टी-संगठन जहां गदगद है। वहीं कोरबा में सभापति के लिए हुए बगावत से पार्टी की इमेज पर अच्छा-खासा बट्टा लग गया। उस पर से मंत्री लखनलाल देवागंन के गृह जिले में पर्यवेक्षक के सामने अधिकृत प्रत्याशी का खुलेआम विरोध कर बागी प्रत्याशी को जीताने का ये मामला आग में घीं का काम किया। यहीं वजह है कि इस मामले की शिकायत प्रदेश से लेकर दिल्ली हाईकमान तक कर दी गयी। आलम ये रहा कि बागी बनकर सभापति बने नूतन सिंह ठाकुर को जहां बीजेपी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया,वहीं बागी नव निर्वाचित सभापति का समर्थन और बधाई देने के मामले में मंत्री देवांगन को पार्टी हाईकमान ने रडार पर लेकर कारण बताओं नोटिस जारी कर 48 घंटे में जवाब मांगा है।
सीटिंग मंत्री को नोटिस जारी करने की बात आम होते ही जहां सूबे की राजनीति गरमा गयी है। वहीं बीजेपी इस पूरे प्रकरण में सख्त नजर आ रही है। मंत्री देवागंन अपना जवाब पार्टी हाईकमान को दे उससे पहले आज महामंत्री संजय श्रीवास्त का बयान सामने आया। मीडिया से चर्चा में संजय श्रीवास्तव ने साफ किया कि …..“पार्टी का नियम सबके लिए बराबर है। भारतीय जनता पार्टी में मंत्री के आधार पर निर्णय नही लिया जाता, या फिर बूथ अध्यक्ष को हम प्रताड़ित करते है, ऐसा नही है। सभी पार्टी के लिए एक समान, जवाब के आधार पर बातचीत होगी।” संजय श्रीवास्तव के इस बयान से स्पष्ट है कि पार्टी हाईकमान इस पूरे प्रकरण को में बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहती, ताकि पार्टी की और ज्यादा फजीहत न हो। ऐसे में सबकी नजरे मंत्री देवांगन के जवाब पर टिकी है। जिसके बाद पार्टी हाईकमान इस पूरे प्रकरण पर अपना फैसला सुनायेगा।
कोरबा की इस राजनीतिक घमासान का क्या है सार….!
सूबे की मौजूदा राजनीति में एक बार फिर कोरबा और कोरबा के मंत्री लखनलाल देवांगन सुर्खियों में है। ऐसा पहली बार नही है, जब कोरबा छत्तीसगढ़ के राजनीतिक पटल पर सुर्खियों मेें आया हो। बात मौजूदा राजनीति की करे तो……“कई बार आपको वर्तमान समझने के लिए अतीत में जाना पड़ता है।” जीं हां अतीत की बात इसलिए कर रहे है, क्योकि खनिज संपदा से भरपूर कोरबा जिले पर पूर्व से ही राजनेताओं के साथ ही अफसरों की पैनी नजर रही है, फिर सत्ता किसी की भी हो। प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद से ही कोरबा में वर्चस्व की राजनीति शुरू हो गयी। लेकिन इन सारी दावेदारियों के बीच लखनलाल देवांगन के सिर पर जहां जनता ने जीत का ताज पहनाया, वहीं सरकार में श्रम और उद्योग मंत्री की जवाबदारी मिलने से लखनलाल देवांगन काफी मजबूत हुए। राजनीतिक पंडितों की माने तो बस यहीं बात कई बड़े और पुराने राजनेताओं को रास नही आई। लिहाजा सभापति चुनाव में हुए पार्टी की फजीहत के बाद मंत्री देवांगन को घिरता देख, एक बार फिर कोरबा में वर्चस्व कायम करने की राजनीति गरमाती नजर आ रही है।