रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर से हलचल बढ़ गई है। भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख तय हो गई है। अब यह मामला 7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट की बेंच में सुना जाएगा। इस मामले की शुरुआत पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पांडेय द्वारा की गई थी।
उन्होंने देवेंद्र यादव के चुनाव को चुनौती देते हुए आरोप लगाया था कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान विधायक ने कई अहम जानकारियां छुपाईं, जो कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों का सीधा उल्लंघन है। पांडेय ने अपनी याचिका में कहा था कि ऐसी चूक न केवल चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करती है बल्कि मतदाताओं को गुमराह करने का काम भी करती है।
हाईकोर्ट में सुनवाई पर रोक:
इस याचिका पर पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के बाद हाईकोर्ट की कार्यवाही को रोक दिया गया। देवेंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्रेम प्रकाश पांडेय की याचिका की स्वीकार्यता पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि यह याचिका विधिक रूप से खारिज किए जाने योग्य है।
सुप्रीम कोर्ट का नोटिस और जवाब:
सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण में प्रेम प्रकाश पांडेय को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। अब प्रेम प्रकाश पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। इसके बाद 7 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राजनीतिक महत्व:
भिलाई सीट पर यह मामला राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है। देवेंद्र यादव भिलाई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रमुख चेहरे हैं और लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। वहीं प्रेम प्रकाश पांडेय भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में यह मामला केवल कानूनी नहीं बल्कि राजनीतिक रूप से भी बड़ा असर डाल सकता है।
7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में यह स्पष्ट होगा कि याचिका पर आगे की कार्यवाही होगी या इसे खारिज कर दिया जाएगा। यदि कोर्ट याचिका पर सुनवाई जारी रखने का आदेश देता है, तो भिलाई के राजनीतिक समीकरणों पर बड़ा असर पड़ सकता है।