जगदलपुर : शारदीय नवरात्रि पर्व के दौरान ऐतेहासिक दंतेश्वरी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है. नवरात्रि पर्व के दौरान भक्त मंदिर के बाहर कतार लगाकर देवी का दर्शन कर रहे हैं. नवरात्रि के पहले दिन बस्तर राजपरिवार के सदस्यों ने भी पूजा पाठ किया और ज्योति कलश की स्थापना की. इसके साथ ही मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में भक्तों ने मनोकामना दीप प्रज्वलित की है. जिसमें तेल और घी के जलते दीप शामिल हैं. भारत देश के अलग-अलग राज्यों के अलावा विदेश के 10 भक्तों ने अपनी मनोकामना दीप जलाई है. जिसमें लंदन, कनाडा और यूएसए के भक्त शामिल हैं.
सदियों से चली आ रही है परंपरा : बस्तर राजपरिवार सदस्य कमलचंद भंजदेव ने बताया कि अखंड ज्योत ज्योति कलश की परंपरा सदियों से चली आ रही है. 2 तरह की ज्योति कलश जलाई जाती है. एक ज्योति कलश में शक्ति की पूजा होती है. जिसमें तलवार, गणेश और कलश में चांदी, सोना सिक्का ऐसे 5 धातुओं के अंग डाले जाते हैं. उसकी पूजा अर्चना की जाती है. असंख्य बस्तर में रहने वाले सभी लोगों के लिए संकल्प लेकर पूजा अर्चना की जाती है.
मनोकामना के लिए नौ दिनों तक अपने घरों एवं मंदिरों में कलश जलाते हैं. जिसमें तेल और घी के दिये जलते हैं. आज हजारों दीये दंतेवाड़ा, जगदलपुर, बड़े डोंगर, छोटे डोंगर में जलाए जाते हैं. फिर विशेष पूजा की जाती है. बस्तर की दंतेश्वरी देवी, मावली देवी और कंकालिन देवी से आशीर्वाद मांगा जाता है – कमल भंजदेव, बस्तर राजपरिवार
भक्तों की अटूट आस्था : दंतेश्वरी मंदिर के मुख्य पुजारी कृष्ण कुमार पाढ़ी ने बताया कि नवरात पर्व लोगों के आस्था से जुड़ा हुआ है. दंतेश्वरी को बस्तर की इष्ट देवी मानते हैं. जिसके कारण भक्त घर परिवार में सुख, शांति और समृद्धि के लिए, शादी ब्याह, दुख तकलीफ से निदान पाने के लिए मनोकामना दीप जलाते हैं और आशीर्वाद लेते हैं.

