रायपुर : छत्तीसगढ़ में उद्योगों की मनमानी पर मंत्री लखनलाल देवांगन एक्शन मोड पर है। देवांगन ने पहले तो प्रदेश के उद्योगों में स्थानीय और बाहरी लोगों की भर्ती के संबंध में जानकारी मांग कर हड़कंप मचा दिया था। अब उद्योगों द्वारा सीएसआर मद के नाम पर की जाने वाली मनमानी पर सवाल उठा दिया है। मंत्री लखनलाल देवांगन ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से उद्योगों के सीएसआर मद के व्यय व निर्माण कार्य राज्य शासन द्वारा संपादित करने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में उद्योगों से होने वाले प्रदूषण का दंश क्षेत्र की जनता झेल रही है। बावजूद इसके आज भी स्थानीय लोगों को क्षेत्रीय उद्योगों में नौकरी के नाम पर अक्सर घुमाया जाता है। वहीं दूसरी तरफ सीएसआर मद से प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक विकास कार्यो के नाम पर उद्योगों द्वारा महज खानापूर्ति की कार्रवाई कर हमेशा से ही की जाती रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार के वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने एक बार फिर उद्योगों की इस मनमानी पर नकेल कसने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री साय को लिखे पत्र में मंत्री देवांगन ने उल्लेख किया है कि पिछले विधानसभा सत्र के दौरान कई विधायकों के माध्यम से उद्योगों के लाभ से सीएसआर कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व मद से होने वाले कार्यों की जानकारी शासन से मांगी गई थी। छत्तीसगढ शासन स्तर पर उक्त मद में व्यय करने संबधी किसी भी प्रकार के नियम व अधिकार अंतर्निहित नहीं होने के कारण उद्योग विभाग द्वारा न कोई कार्य संपादित किया जा रहा है, और न ही सीएसआर से होने वाले व्यय की समीक्षा व सही जानकारी प्राप्त हो पा रही है।
मंत्री देवांगन ने सीएम विष्णुदेव साय से ध्यान आकृष्ट कराते हुए आग्रह किया है कि सीएसआर का व्यय शासन स्तर पर किया जाए, तो उद्योगों से प्रभावित लोगों की मूलभूत सुविधाओं में अभिवृद्धि हो पाएगी। इसके साथ ही पर्यावरण को हो रहे नुकसान की भी काफी हद तक भरपाई की जा सकेगी। मंत्री देवांगन ने सीएसआर मद से होने वाले व्यय व निर्माण कार्य राज्य शासन से संपादित करने और इस संबंध में स्पष्ट नीति नियम बनाने, भारत शासन से आवश्यक समन्वय करने का आग्रह किया है।
मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि प्रदेश में संचालित राष्ट्रीय स्तर की सार्वजनिक और निजी उपक्रम, के साथ ही अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट समेत सभी उद्योग सीएसआर मद के तहत सालाना 1 हजार करोड़ खर्च करते हैं। ऐसे में यदि इस राशि का सही तरीके से राज्य शासन के माध्यम से खर्च किया जाता है, तो इसका सीधा लाभ उद्योगों से प्रभावित लोगों के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, कुपोषण, सिंचाई,आधारभूत संरचना पर सीएसआर की राशि खर्च की जा सकेगी।