कोरबा : एसईसीएल की कोयला खदान में लगातार हादसे सामने आ रहे है। कोरबा में संचालित एसईसीएल की गेवरा और दीपका मेगा प्रोजेक्ट में पिछले 24 घंटे के भीतर तीन बड़ी दुर्घटनांए हुई। जिसमें एक वाहन चालक की मौत हो गयी। आपको बता दे एक दिन पहले ही दीपका खदान में ड्रिल मशीन में आग लग गयी थी। इस घटना में किसी तरह आॅपरेटर ने मशीन से कूदकर अपनी जान बचायी थी। आज एक बार फिर एसईसीएल की गेवरा खदान में 240 टन का डंपर 80 फीट गहरी खाई में गिर गया।
इस दुर्घटना में डंपर के आपरेटर को चिंताजनक हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि कोरबा जिले में कोयला उत्पादन के क्षेत्र में एसईसीएल की खदाने कीर्तिमान हासिल कर रही है। लेकिन इन्ही खदानों में होने वाले हादसे प्रबंधन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है। एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्टर गेवरा-दीपका और कुसमुंडा माइंस में से लगातार बड़ी दुर्घटनाओं की जानकारी सामने आ रही है। एक दिन पहले ही दीपका माइंस में रख रखाव के अभाव में ड्रिल मशीन में काम के दौरान आग लग गयी थी।
इस भीषण हादसे में किसी तरह आपरेटर ने मशीन से कूदकर अपनी जान बचायी थी। एसईसीएल प्रबंधन अभी इस हादसे की जांच कर ही रहा था, इसी बीच गेवरा माइंस में आज 12 घंटे के भीतर दो बड़ी दुर्घटनांए घटित हुई। बताया जा रहा कि गेवरा खदान में तड़के लगभग साढ़े 3 बजे 240 टन का डंपर 80 फीट नीच खाई में पलट गया। दुर्घटना के वक्त डंपर का आपरेटर एसईसीएल कर्मी पुष्पराज सवार था। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही आनन फानन में डंपर का कांच तोड़कर आपरेटर को बाहर निकाला गया।
जिसे तड़के ही चिंताजनक हालत में गेवरा एनसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे के बाद एसईसीएल कर्मियोें ने आरोप लगाया कि खदान में पर्याप्त लाइट की व्यवस्था नही होने के कारण हादसे हो रहे है। इस हादसे के ठीक 12 घंटे बाद आज दोपहर तीन बजे के लगभग बारूद वाहन गेवरा खदान में पलट गयी। इस हादसे में वाहन के चालक की मौके पर ही वाहन में दबकर मौत हो गयी। घटना की जानकारी के बाद पुलिस ने इस मामले में जहां प्राथमिकी दर्ज कर ली है। वहीं खदान क्षेत्र में हो रहे लगातार हादसों ने एसईसीएल प्रबंधन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये है।