रायपुर : पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को यूपी एसटीऍफ़ ने रिमांड में लिया है। गौरतलब है कि इससे पहले अनवर ढेबर को उत्तर प्रदेश एसटीएफ प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर साथ ले गई है। छत्तीसगढ़ का कथित शराब घोटाला शराब उद्योग में भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है, जिसमें अधिकारियों और प्रभावशाली पदाधिकारियों को शामिल किया गया है। ईडी के अनुसार, 2019 और 2022 के बीच कुछ अनियमितताएं सामने आईं जब राज्य संचालित शराब रिटेलर सीएसएमसीएल के अधिकारियों ने डिस्टिलर्स से रिश्वत ली।
पिछले साल जुलाई में, जांच एजेंसी ने मामले में एक चार्जशीट दाखिल की। जिसमें दावा किया गया कि 2019 में शुरू हुए कथित ‘शराब घोटाले’ में 2,161 करोड़ का धन भ्रष्टाचार से जनरेट हुआ था। ईडी के अनुसार, यह पैसा राज्य की तिजोरी में जाना चाहिए था। एजेंसी ने यह भी दावा किया कि अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा के नेतृत्व वाले लीकर सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की ‘हर एक’ बोतल से अवैध रूप से पैसा कलेक्ट किया।
नकली होलोग्राम लगी शराब से 20 करोड़ रुपये का कमीशन –
विषु गुप्ता से डुप्लीकेट होलोग्राम की आपूर्ति योजनाबद्ध तरीके से टेंडर दिलवाकर की गई। पूर्व में इस्तेमाल हो चुके होलोग्राम के नंबर पर ही डुप्लीकेट होलोग्राम बनाए गए। जिसे प्रिज्म होलोग्राम के रायपुर यूनिट के प्रभारी दिलीप पांडेय के माध्यम से अमित सिंह, दीपक दुआरी, प्रकाश शर्मा के सहयोग से सहायक आयुक्त आबकारी जनार्दन कौरव ने डिस्टलरी मालिकों तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई। एपी त्रिपाठी ने इससे 20 करोड़ रुपये कमीशन प्राप्त किए। ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि विकास अग्रवाल उर्फ सिब्बू ने सुमित मालू, रवि बजाज नामक हवाला कारोबारियों के माध्यम से अवैध कमाई को विदेश में भी निवेश कराया है।