गरियाबंद : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही का मामला थमने का नाम ही नही ले रहा है। ताजा मामला मरीजों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए खरीदी जाने वाली जीवन रक्षक दवाईयों से जुड़ी है। गरियाबंद जिला में लाखों रूपये कीमती दवाईयों को सप्लायर एजेंसी ने स्वास्थ्य केंद्र केकम्पाउंड में खुले आसमान के नीचे डंप कर दिया। बताया जा रहा है कि पिछले दो महीनें से दवाईयों का स्टाॅक खुले आसमान के नीचे पड़े होने के कारण अब बारिश में भींगकर खराब होने के कगार पर है। बावजूद इसके जवाबदार अधिकारियों की नींद नही खुल रही।
उधर स्थानीय जनपद सदस्य ने इस लापरवाही का वीडियों बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जानकारी के मुताबिक ये पूरा मामला गरियाबंद जिला के उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए आने वाले मरीजों के लिए दवा और सिरप की सप्लाई की गयी थी। दो महीने पहले हुए सप्लाई की दवाओं को एजेंसी ने स्वास्थ्य केंद्र से लगे आयुर्वेदिक अस्पताल के बरामदे में खुले आसमान के नीचे पटक कर चल दिया।
फिर क्या था इस गंभीर लापरवाही पर पिछले दो महीनें से किसी भी जवाबदार अधिकारी की नजर नही पड़ी। या कहें किसी की पड़ी भी तो उन्होने खुले में पड़े दवाओं को सुरक्षित स्थान में रखवाने की जहमत नही उठाई। ऐसे में एक दिन पहले मौसम में हुए बदलाव के बाद तेज आंधी और बारिश से सील बंद दवाओं की पेटी भींग रही है।
जनपद सदस्य ने लापरवाही पर से उठाया पर्दा…मचा हड़कंप
बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य केंद्र में जीवन रक्षक दवाओं के साथ किये जा रहे खिलवाड़ को लेकर स्थानीय जनपद सदस्य ने खुलासा किया। जनपद सदस्य माखन कश्यप ने बताया कि ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर उन्होने स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। जहां जांच के दौरान उन्होंने देखा कि खुले आसमान के नीचे बड़ी मात्रा में दवाएं पड़ी हुई हैं। मौके पर 50 से अधिक सीलबंद और 20 से ज्यादा खुले कार्टून में दवाओं का भंडार मिला। इनमें फ्लू और पीलिया के इलाज में दी जाने वाली दवाएं भी हैं।
इसके अलावा सिरप, कैनुला और ग्लव्स जैसी सामग्री बिना किसी सुरक्षित व्यवस्था के रखी गई थी। जिसका उन्होंने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। जनपद सदस्य के इस खुलासे के बाद अब स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

