सरगुजा :- उत्तरी छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने 24 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है. बारिश ना होने की चिंता में किसान बारिश की उम्मीद करते थे. बीते दो साल की बात करें तो सरगुजा में कम पानी गिरने के कारण किसान बर्बाद हो गए थे.लेकिन इस साल अच्छी बारिश हुई.लेकिन अब जब किसानों के फसल लेने का समय है तो बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है.जिसके कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है.
अक्टूबर में मानसून जैसी बारिश : अक्टूबर के महीने में भी सरगुजा में आफत की बारिश हो रही है. बारिश ने सब्जी, दलहन और फूलों की खेती बर्बाद कर दी है. अब किसानों को धान की फसल भी बर्बाद होने की चिंता सताने लगी है.वहीं दूसरी ओर मौसम विज्ञानी भी बारिश की आशंका जता रहे हैं.
सब्जी और फूल की खेती बर्बाद : भारी बारिश के कारण खीरा, शिमला मिर्च, मूंगफली, मक्के की खेती प्रभावित हुई है. फूलों की खेती पर भी इसका बुरा असर पड़ा है. आलम ये है कि बारिश के कारण पौधे गल जा रहे है और उन पर कीड़े भी लग रहे हैं. इतना ही नही लगातार बारिश के कारण किसान पौधों पर दवाओं का छिड़काव भी नही कर पा रहे. सब्जी और फूलों की खेती की मार झेल चुके किसानों को अब धान की चिंता सता रही है. किसानों का कहना कि आने वाले 15 दिनों में धान पकने लगेंगे. बारिश का सिलसिला ऐसा ही रहा तो उनकी साल भर की मेहनत भी बेकार हो जाएगी.मौसम विज्ञानी एएम भट्ट ने बताया कि सरगुजा में बारिश का सिलसिला अब भी थमने का नाम नही ले रहा. बंगाल की खाड़ी में दबाव बनने के कारण बारिश की आशंका जताई जा रही है.
कृषि वैज्ञानिक डॉ. राहुल कुमार गुप्ता के मुताबिक बारिश की वजह से फसलों का जो नुकसान हो रहा है उनमे मुख्य रूप से धान, फूल और सब्जी की खेती हैं. किसान भाई अगर फूल या सब्जी लगाए हैं तो वो सबसे पहले तो अपनी मेढ़ को तोड़ दें और खेत से पानी बाहर निकालने का प्रबंध करें, बारिश से कट फ्लावर को तोड़कर बेचने का प्रयास करें और गेंदे की खेती में पौधों में डंडे का सहारा लगायें जिससे वो गिरने से बच सके.