कोरबा: गुरुवार की शाम कोरबा वन मंडल के अंतर्गत आने वाले गांव पसरखेत के समीप फिर से एक काले रंग की सफेद धारी वाला खूबसूरत होने के साथ ही बेहद खतरनाक किंग कोबरा का रेस्क्यू किया गया. ये वही किंग कोबरा है, जिसका रेस्क्यू 2021 में भी किया गया था. अब 4 साल बाद फिर से इसी किंग कोबरा का रेस्क्यू गुरुवार की शाम को हुआ है. वन विभाग के रेस्क्यू दल ने भी इसकी पुष्टि की है.
वैसे तो कोरबा वनमंडल के कई क्षेत्र में अलग-अलग समय में अलग-अलग लंबाई और उम्र के किंग कोबरा पाए गए हैं, लेकिन गुरुवार को जो किंग कोबरा मिला इसका रेस्क्यू दूसरी बार हुआ है. जिसकी उम्र लगभग 8 वर्ष के लगभग आंकी गई है. 2021 में जब इस किंग कोबरा का रेस्क्यू हुआ था, तब लंबाई लगभग 12 फीट थी. अब यह 13 फीट का हो चुका है. जो इस बात को भी प्रमाणित करता है कि कोरबा वनमंडल के क्षेत्र में न सिर्फ किंग कोबरा की स्थाई मौजूदगी है. बल्कि उनके ग्रोथ के लिए भी यहां एक अच्छा वातावरण मौजूद है, जो किंग कोबरा के प्राकृतिक विकास के लिए भी लिए भी बेहद अनुकूल है. वन विभाग किंग कोबरा के डीएनए एनालिसिस के साथ ही क्षेत्र को भी संरक्षित करने की दिशा में काम कर रहा है.
ग्रामीणों के हाथ-पांव फूले तत्काल दी वन विभाग को सूचना : कोरबा अपनी समृद्ध जैव-विविधता और दुर्लभ वन्यजीवों के लिए भी जाना जाता है. जिले के पासरखेत गांव में गुरुवार शाम 4 बजे एक विशालकाय किंग कोबरा को देख लोगों के हाथ पांव फूल गए. ग्रामीणों में दहशत फैल गई और लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. घटना की जानकारी तत्काल वन विभाग और नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी की टीम को दी गई. सूचना मिलते ही रेस्क्यूअर जितेंद्र सारथी ने मामले की जानकारी कोरबा डीएफओ प्रेमलता यादव को दी. जितेंद्र के साथ एम सूरज, सिद्धांत जैन, बबलू मारवा तुरंत उस स्थान के लिए कोरबा से रवाना हुए. गांव पहुंचने के बाद सबसे पहले ग्रामीणों को सुरक्षित दूरी पर किया गया और फिर तय प्रोटोकॉल के तहत रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया.
डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद काबू में आया किंग कोबरा : 2021 में जब या किंग कोबरा बरामद हुआ था और रेस्क्यू किया गया था तब वह काफी शांत था लेकिन अब वह काफी आक्रामक व्यवहार कर रहा था. जिसके कारण रेस्क्यू टीम को किंग कोबरा को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. करीब एक से डेढ़ घंटे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में किंग कोबरा ने बार-बार फुफकारते हुए अपना आक्रामक रूप दिखाया. बाद में धैर्यपूर्वक और सावधानी से काम करते हुए आखिरकार टीम ने किंग कोबरा को सुरक्षित थैले में डालकर सफल रेस्क्यू किया. रेस्क्यू को देखने के लिए बड़ी तादात में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए थे.
रेस्क्यू के बाद नियमानुसार पंचनामा तैयार किया गया और फिर किंग कोबरा को उसके प्राकृतिक आवास क्षेत्र के घने जंगल में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया.

