जशपुर: भोले-भाले ग्रामीणों को जादुई कलश का लालच देकर करोड़ों की ठगी करने वाले अंतर जिला गिरोह का जशपुर पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है. ठगी के इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है, जबकि दो आरोपी अब भी फरार बताए जा रहे हैं.
जादुई कलश से अरबों कमाने का लालच: मामला थाना पत्थलगांव से जुड़ा है. वर्ष 2021 में आर.पी. ग्रुप नामक फर्जी कंपनी बनाकर ठगों ने ग्रामीणों को यह झांसा दिया कि कोरबा जिले के मंडवारानी में एक “जादुई कलश” मिला है. आरोपियों का दावा था कि यह कलश चमत्कारी धातु का बना है, जो चावल तक खींच लेता है और विदेशों में अरबों की कीमत का है. ग्रामीणों को बताया गया कि भारत सरकार इस कलश को विदेश में बेचेगी और बिक्री से मिलने वाले मुनाफे का लाभ कंपनी से जुड़े हर सदस्य को मिलेगा.
सदस्यता शुल्क और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ठगी: लुभावने सपनों के जाल में फंसाकर ठगों ने ग्रामीणों से सदस्यता, सिक्योरिटी मनी और प्रोसेसिंग फीस के रूप में 25 हजार से लेकर 70 हजार रुपये तक वसूले. यही नहीं, ग्रामीणों से आधार कार्ड, पैन कार्ड और फोटो लेकर बाकायदा केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने का नाटक भी रचा गया. ठगों ने दावा किया कि कंपनी में जुड़ने पर हर सदस्य को 1 से 5 करोड़ रुपये तक मिलेंगे.
हजारों ग्रामीण बने शिकार: जशपुर, सरगुजा, कोरबा, रायगढ़ और बिलासपुर जिले के हजारों भोले-भाले ग्रामीण इस मायाजाल में फंस गए. प्रारंभिक जांच में पुलिस को 1 करोड़ 94 लाख रुपये की ठगी के सबूत मिले हैं, लेकिन अनुमान है कि रकम और भी अधिक हो सकती है.
पीड़िता की रिपोर्ट से खुला मामला: 7 सितंबर 2025 को ग्राम चिड़ौरा निवासी अमृता बाई ने पत्थलगांव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. उसने बताया कि 2021 में कंपनी से जुड़ने के बाद 25,000 रुपये जमा किए थे, लेकिन वादे के मुताबिक न तो मुनाफा मिला और न ही पैसा लौटा. इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की.