कोरबा: बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय कोरबा में वर्ष 2026-27 से 4 विभागों में पीजी कोर्सेज शुरू होंगे. सीटों की संख्या और अंतिम मान्यता को लेकर इंतजार अब समाप्त हो चुका है. एनएमसी ने कोर्सवार सीटों की संख्या निर्धारित कर सूची जारी कर दी है. अब तक एमबीबीएस का पाठ्यक्रम पूरा करने वाले कॉलेजों को ही पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति थी. नए नियमों के तहत एमबीबीएस के तीसरे साल से ही पीजी कोर्सेज वाले विभागों की स्थापना मेडिकल कॉलेज में की जा सकती है. जिसके तहत 2 साल की पढ़ाई पूरी करने वाले एमबीबीएस के छात्र अब एमडी या एमएस के तौर पर विशेषज्ञ चिकित्सक की पढ़ाई शुरू कर सकेंगे.
2022 में हुई स्थापना अब बड़ी जिम्मेदारी: बड़ी मशक्कत के बाद कोरबा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना साल 2022 में हुई. तीन साल का वक्त बीतने के बाद एमबीबीएस के छात्रों के लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के लिए क्लासेज संचालित होती हैं. आने वाले दो शैक्षणिक सालों के बाद एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर डॉक्टर बनने वाले चिकित्सा छात्रों के पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) कक्षाओं के लिए पीजी पाठ्यक्रम करने की जरुरत है. नए नियमों के तहत तब तीसरे वर्ष से ही पीजी कोर्सेस के विभागों की स्थापना मेडिकल कॉलेज में की जा सकेगी. 3 साल पुराने कोरबा के मेडिकल कॉलेज को पीजी की मान्यता मिलते ही अब यहां विशेषज्ञ चिकित्सक तैयार होंगे. प्रदेश भर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की किल्लत बनी हुई है. किसी नए मेडिकल कॉलेज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों को तैयार करना चुनौती से कम नहीं है, साथ ही साथ यह एक बड़ी जिम्मेदारी भी है.
5 विभागों के लिए 5-5 सीटों के लिए मांगी थी अनुमति, : मेडिकल कॉलेज में पीजी पाठ्यक्रम के लिए प्रत्येक विभाग में प्रोफेसर के पीछे 3 और असिस्टेंट प्रोफेसर के पीछे 2 सीटें मिलती हैं. सीट की संख्या पर अंतिम निर्णय एनएमसी द्वारा ही लिया जाता है. प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर मौजूद होने पर 5-5 सीटों की मान्यता मिलती है. कोरबा के मेडिकल कॉलेज प्रबंधन में पांच विभागों के लिए मान्यता मांगी थी. शिशु रोग विभाग को छोड़कर शेष चार विभागों के लिए मान्यता मिल गई है. किसी में तीन तो किसी में चार सीटों को मान्यता दी गई है. यह संख्या भी किसी नए मेडिकल कॉलेज के लिए ठीक-ठाक है. शिशु रोग विभाग की मान्यता अभी अटकी हुई है. एनएमसी की तरफ से एक और सूची जारी होनी है. उम्मीद है कि उस सूची में शिशु रोग विभाग की मान्यता भी कोरबा के मेडिकल कॉलेज को मिल जाएगी. फिलहाल चार विभागों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई का रास्ता पूरी तरह से साफ हो चुका है अब जो छात्र एमबीबीएस उत्तीर्ण करेंगे. उन्हें मेरिट के आधार पर पीजी में मनपसंद विभाग मिलेगा.
इन कोर्सेस को मिली अनुमति
एमडी – एनेस्थीसिया (3 सीट)
एमडी – स्त्रीरोग (3 सीट)
एमडी – जनरल मेडिसिन (4 सीट)
एमडी – जनरल सर्जरी (4 सीट)
इस वर्ष 7 अन्य पीजी कोर्सेज के लिए भी आवेदन : पहले प्रयास में ही बड़े विभागों को पीजी पाठ्यक्रम की अनुमति मिलने और वह भी ठीक-ठाक संख्या में अनुमति मिलने से मेडिकल कॉलेज प्रबंधन काफी उत्साहित है. इस वर्ष साथ अन्य संकायों में पीजी की पढ़ाई शुरू करने के लिए एमसी से मान्यता मांगी जा रही है, जिसमें नेत्र, चर्म रोग, पैथोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, एनाटॉमी फॉरेंसिक मेडिसिन और कम्युनिटी मेडिसिन जैसे विभाग शामिल है. इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा आवेदन किया जाएगा. उम्मीद है कि इन सभी विभागों के लिए आसानी से मान्यता मिल जानी चाहिए, क्योंकि बड़े विभागों को पहले ही अनुमति दे दी गई है, जिसकी तुलना में नए आवेदन में इन अपेक्षाकृत छोटे विभागों को मान्यता मिलने में ज्यादा परेशानी नहीं आनी चाहिए.