कोरबा : कोरबा में भ्रष्ट पंचायत सचिवों के लंबित जांच प्रकरण पर जिला पंचायत सीईओं ने एक्शन लेते हुए 4 सचिवों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। वहीं दो सचिव को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के साथ ही 7 सचिवों से 56 लाख 99 हजार रूपयें की वसूली उनके वेतन से करने का आदेश दिया गया है। वहीं दो सचिवों पर कार्रवाई करते हुए अनिवार्य सेवानिवृति दिया गया।जिला पंचायत सीईओं संबित मिश्रा के इस एक्शन के बाद भ्रष्ट पंचायत सचिवों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।
गौरतलब है कि खनिज प्रधान जिला होने के कारण कोरबा जिले में डीएमएफ मद से पंचायतों में भी बड़े पैमाने पर विकास कार्य कराये जाते है। लेकिन जिला खनिज न्यास मद के साथ ही केंद्र सरकार से मिलने वाले फंड पर कोरबा में पंचायत सचिवों ने भ्रष्टाचार की सेंध लगा दी थी। मामले की शिकायत के बाद जिला पंचायत सीईओं के समक्ष अलग-अलग 52 प्रकरण प्रस्तुत किये गये थे। इन 52 प्रकरणों की जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद जिला पंचायत सीईओं संबित मिश्रा ने पंचायत के कामों में जमकर धांधली और मनमानी करने वाले पंचायत सचिवों पर बर्खास्तगी के साथ ही रिकव्हरी की गाज गिरायी है।
जिला पंचायत सीईओं ने सचिव प्रवीण कुमार यादव,कृपाल सिंह, ईश्वर धीरहे और भागवत सिंह पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हे बर्खास्त कर सेवा समाप्त कर दी है। वहीं पंचायत सचिव उदय सिंह आयाम और जान सिंह राज पर एक्शन लेते हुए उन्हे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिया गया, जबकि सुधाकर सिंह ने सीईओं के समक्ष अपना त्यागपत्र दे दिया गया। इसी तरह डीएमएफ मद और 14वें वित्त की राशि में लाखों रूपये की गड़बड़ी करने वाले 7 पंचायत सचिवों से 56 लाख 99 हजार 596 रूपये उनके वेतन से वसूल करने के आदेश दिये है। जिला पंचायत सीईओं संबित मिश्रा के इस आदेश के बाद पंचायत सचिवों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।