बलौदाबाजार: अर्जुनी परिक्षेत्र के बिलारी गांव से वन्यजीव संरक्षण को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. संरक्षित वन कक्ष क्रमांक 324 में एक गौर (बायसन) का करंट लगाकर शिकार किया गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद जब वन अमला मौके पर पहुंचा, तो दृश्य बेहद दर्दनाक था. मृत बायसन के पैर और सिर के अंग काटे जा चुके थे. इस निर्ममता ने न केवल वन क्षेत्र में सनसनी फैला दी है, बल्कि विभागीय निगरानी व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
करंट के तारों के बीच फंसने से बायसन की मौत: जानकारी के अनुसार, 25 अक्टूबर की सुबह ग्रामीणों ने बिलारी परिसर के घने जंगल में एक अजीब बदबू महसूस की. पास जाकर देखा तो एक विशाल बायसन मृत पड़ा था, उसके शरीर पर करंट के निशान साफ दिखाई दे रहे थे. सिर और पैर अलग-अलग दिशा में पड़े थे. ग्रामीणों ने तुरंत अर्जुनी परिक्षेत्र के वन अमले को सूचना दी. मौके पर पहुंची टीम ने प्राथमिक जांच में पाया कि खेतों में जंगली जानवरों से फसल बचाने के लिए लगाई गई करंट युक्त तारों में फंसकर गौर की मौत हुई है. लेकिन अंग विच्छेदन से यह आशंका गहराती है कि शिकारियों ने जानवर की खाल और मांस के लिए करंट को जानबूझकर बिछाया था.
वन विभाग की त्वरित कार्रवाई: घटना की गंभीरता को देखते हुए वन मंडल अधिकारी (DFO) धम्मशील गणवीर ने तत्काल जांच के आदेश दिए. प्रारंभिक जांच में पाया गया कि क्षेत्र रक्षक स्तर पर सतर्कता में कमी रही. इस पर विभाग ने वनरक्षक प्रेमचंद धृतलहरे को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

