बलरामपुर 16 अगस्त 2024। FIR में छेड़छाड़ के मामले में आईजी ने बड़ी कार्रवाई की है। बलरामपुर जिले के रामानुजगंज थाना प्रभारी और हवलदार को 1 करोड़ 33 लाख के गबन के एफआईआर से छेड़छाड़ के मामले में आईजी सरगुजा ने निलंबित कर दिया है। वहीं मामले में जांच के निर्देश दिए है। दरअसल रामानुजगंज पुलिस ने सहकारी बैंक में गड़बड़ी के मामले में 6 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गयी थी। पूरा मामला फर्जी लोन को लेकर था। बैंक में किसानों के नाम से फर्जी लोन के माध्यम से बैंककर्मियों ने 1 करोड़ 33 लाख का गबन प्रमाणित होने के बाद मामला दर्ज किया गया था। 2023 के इस मामले में पहले बैंक ने जांच की थी और फिर बैंक प्रबंधन ने जब गड़बड़ी पायी तो, एफआईआर दर्ज करायी l
जानकारी है कि एफआईआर में मामले के मुख्य आरोपी को बचाने के आरोप पुलिस पर लग रहे थे, जिसकी शिकायत बैंक प्रबंधन ने आईजी से की थी। जांच के बाद आईजी ने प्रथम दृष्टिया मामले में दोषी पाते हुए थाना प्रभारी रामानुजगंज ललित यादव और हवलदार उमेश यादव को निलंबित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक बलरामपुर (Balrampur) में जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक के शाखा रामानुजगंज में धोखे से किसानों के नाम पर करोड़ों रुपये का KCC लोन निकालने का मामला सामने आया था। बीते कुछ दिन पहले सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक के शाखा रामानुजगंज में बैंक के मैनेजर, प्रबंधक, ऑपरेटर और कैशियर पर किसान को बिना जानकारी दिए केसीसी के नाम पर 1 करोड़ 33 लाख रुपये का गबन करने का आरोप लगा है।
हालांकि इस मामले में रामानुजगंज पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन इस कार्रवाई से प्रार्थी संतुष्ट नहीं हुआ और फिर से इस खेल के मास्टरमाइंड तत्कालीन बैंक प्रबंधक के खिलाफ शिकायत की।इधर, शिकायत के बाद अंबिकापुर जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने सरगुजा आईजी अंकित गर्ग से इस मामले की शिकायत की. इस मामले की जांच के लिए आईजी ने एक टीम गठित की. जांच के दौरान टीम ने पाया कि रामानुजगंग थाना प्रभारी ललित यादव और एक हवलदार उमेश यादव के द्वारा FIR में छेड़छाड़ किया गया है. वहीं मुख्य आरोपी यानी इस खेल के मास्टरमाइंड तत्कालीन बैंक प्रबंधक को बचाते हुए एफआईआर में नाम दर्ज नहीं किया गया और नहीं उसे गिरफ्तार किया गया।