कोरिया: घने जंगल और जंगली जानवरों के लिए कोरिया जिला जाना जाता है. कोरिया में कोयले में भरमार है. पड़े पैमाने पर यहां कोल माइनिंग का भी काम होता है. शनिवार को बड़कापारा में काम के दौरान मजदूरों पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया. मधुमक्खियों के हमले में झिलमिरी कॉलरी में काम करने वाला मजदूर सुबरन गंभीर रुप से घायल हो गया. घायल मजदूरी की पत्नी भी पति के साथ मौके पर मौजूद थी. महिला ने किसी तरह से भागकर अपनी जान बचाई. स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस जगह पर मजदूर जमा था वहां पर एक बड़ा पेड़ है. पेड़ पर मधुमक्खियों का एक बड़ा छत्ता लगा है.
मधुमक्खियों के हमले में 1 मजदूर की मौत: हादसे में जिस मजदूर की मौत हुई वो झिलमिरी कॉलरी में काम करता था. मृतक मजदूर का नाम सुबरन था. मृतक मजदूर की पत्नी ने हादसे की जानकारी पुलिस को दी है.
रेनकोट पहनकर घायल मजदूर को निकाला: जिस वक्त सुबरन पर मधुमक्खियों ने हमला किया उस वक्त मौके पर कई और लोग मौजूद थे. घायल सुबरन को बचाने के लिए लोग रेनकोट पहनकर मौके पर पहुंचे और वहां से सुबरन को रेस्क्यू किया. घायल मजदूर को मौके से 30 किमी दूर चरचा रिजनल अस्पताल ले जाया गया. घायल सुबरन की हालत देख चरचा जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे अंबिकापुर रेफर कर दिया. साथी मजदूर उसे लेकर अंबिकापुर के लिए रवाना हुए लेकिन रास्ते में सुबरन ने दम तोड़ दिया.
एक हफ्ते के भीतर मधुमक्खियों का दूसरा हमला: बीते एक हफ्ते में इसी इलाके में मधुमक्खियों का ये दूसरा हमला है. इससे पहले 2 नवंबर को 10 महिलाएं मधुमक्खियों के हमले में जख्मी हो गई थीं. इलाज के दौरान जिसमें से 1 महिला की मौत भी हो गई थी. आज हुए हादसे के बाद लोगों का कहना है कि जब भी इस तरह की घटना हो लोगों को सबसे पहले स्थानीय अस्पताल में ले जाया जाए. इलाज जल्द शुरु होना ऐसे मामलों में सबसे ज्यादा जरूरी है.
बचाव के लिए क्या करें: जब भी इस तरह के हालात बनें तो सबसे पहले सुरक्षित जगह पर जाने की कोशिश करें. चेहरे और शरीर के खुले स्थानों को कपड़ों से ढकने की कोशिश करें. संभव हो तो खुद को अंधेरे या बंद कमरे में रहें. हमले में घायल शख्स को जल्द से जल्द अस्पताल लेकर जाएं. घर पर इलाज करने की कोशिश खतरनाक साबित हो सकती है.

