रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में सहायक शिक्षकों के प्रमोशन घोटाले का मुद्दा फिर उठा। भाजपा के वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने सवाल उठाया कि जिला बिलासपुर अंतर्गत वर्ष 2024-25 में सहायक शिक्षक से प्रायमरी स्कूल प्रधान पाठक पद पर पदोन्नित की कार्यवाही के संबंध में जिला कार्यालय, विभाग एवं शासन स्तर पर शिकायतें हुई है? यदि हॉ तो क्या, कब एवं किसके द्वारा किस संबंध में शिकायतें की गई है एवं इन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
विधायक ने पूछा ये सवाल
उन्होंने ये भी पूछा कि प्रधान पाठक के पद पर किन किन संवर्गो के शिक्षकों को पदोन्नित प्रदाय किये जाने के नियम है? प्रधान पाठक पद पर किन-किन संवर्ग के कितने कितने शिक्षकों को कब पदोन्नति दी गई व इनके विरूद्ध क्या शिकायत प्राप्त हुई है और शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है? उन्होंने पदोन्नित में काउंसलिंग और काउंसलिंग में किन-किन स्थानों को रिक्त बताते हुए जानकारी दी गई? इन रिक्त स्थानों पर किन-किन की पदस्थापना की गई है तथा इन रिक्त स्थानों के अतिरिक्त अन्य किन किन स्थानों पर किन-किन की पदस्थापना की गई है जबकि यह स्थान काउंसलिंग के समय रिक्त नहीं बताये गए थे? इसके क्या कारण है एवं इसके लिये दोषी कोन है?
मुख्यमंत्री ने जवाब में बताया
मुख्यमंत्री ने विष्णु देव साय ने जवाब में बताया कि 31 दिसंबर को छ.ग. सर्व शिक्षक कल्याण संघ जिला शाखा बिलासपुर द्वारा प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति काउंसलिंग सूची एवं पदोन्नति आदेश दिनांक 27.12.2024 को निरस्त करने को लेकर शिकायत कलेक्टर बिलासपुर को दी गई थी। उसी के आधार पर जांच शुरू हुई।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर 169 सहायक शिक्षक को पदोन्नति प्रदान की गई। प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति दिनांक 27.12.2024 को दी गई। काउंसलिंग सूची एवं पदोन्नति आदेश दिनांक 27.12.2024 को निरस्त करने बाबत शिकायत पत्र कलेक्टर बिलासपुर को प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी भी कार्यवाही प्रचलन में है।पदोन्नति में काउंसिलिग दिनांक 23.12.2024 को की गयी। काउंसिलिग में 182 स्थानों को रिक्त बताया गया है। काउंसिलिग में प्रदर्शित रिक्त स्थानों के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर पदस्थापना नहीं की गई।