खैरागढ़ :- सिविल अस्पताल खैरागढ़ में एक बार फिर डॉक्टर और स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जानकारी के अनुसार नगर के अंबेडकर वार्ड निवासी विजेंद्र चौरे, उम्र 34 वर्ष को आज सुबह करीब 5 बजे अचानक सीने में जलन की शिकायत हुई। परिजन तत्काल उसे सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां कोई डॉक्टर या नर्स मौजूद नहीं मिले। भर्ती मरीजों से पूछने पर भी डॉक्टर की जानकारी नहीं मिल सकी।
परिजनों ने हताश होकर अस्पताल के सरकारी आवास में रहने वाले सभी डॉक्टरों के दरवाजे खटखटाए काफी आवाज लगाई, लेकिन आधे घंटे तक किसी ने जवाब नहीं दिया। अंततः पता चला कि ड्यूटी पर मौजूद नर्स धनेश्वरी साहू अस्पताल के वार्ड में स्थित नर्स रुक में सो रही थी। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद नर्स ने दरवाजा खोला और कहा कि “डॉक्टर ऊपर में हैं” और खुद डॉक्टर को बुलाने के बजाय परिजनों को भेज दिया।
परिजन भागे-भागे डॉक्टर आशीष जैन के कमरे तक पहुंचे तो वे गहरी नींद में सो रहे थे। दरवाजा खटखटाने पर वे नीचे आए और उपचार शुरू किया, लेकिन तब तक विजेंद्र की हालत गंभीर हो चुकी थी। करीब एक घंटे तक बिना इलाज तड़पने के बाद युवक की मौत हो गई।

