नई दिल्ली:– केंद्रीय जांच ब्यूरो की एक बड़ी कार्रवाई में दिल्ली लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अधिशासी अभियंता को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। आरोपी इंजीनियर से पेंडिंग बिलों के भुगतान के एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई। सीबीआई ने ट्रैप कार्रवाई कर 30 हजार रुपये रिश्वत लेते ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद दिल्ली और जयपुर स्थित उसके ठिकानों पर छापेमारी की गई, जहां से 1.60 करोड़ रुपये नकद, कई संपत्ति दस्तावेज और बैंक खातों में जमा बड़ी रकम का खुलासा हुआ है।
पेंडिंग बिलों के बदले रिश्वत की मांग
सीबीआई के मुताबिक, गिरफ्तार एक्सईएन के खिलाफ 28 जुलाई को दिल्ली स्थित सीबीआई कार्यालय में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में कहा गया था कि वह विभिन्न ठेकेदारों के पेंडिंग बिलों को पास करने के एवज में तीन प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहा था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उससे सीधे तौर पर 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई थी।
ट्रैप बिछाकर रंगे हाथों गिरफ्तारी
सीबीआई ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ट्रैप योजना बनाई। शिकायतकर्ता को रिश्वत की राशि के साथ आरोपी इंजीनियर के पास भेजा गया। जैसे ही आरोपी ने 30 हजार रुपये रिश्वत की राशि स्वीकार की और ली, सीबीआई टीम ने उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की रकम मौके से बरामद की गई। आरोपी को तुरंत हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई।
जयपुर और दिल्ली के ठिकानों पर एक साथ छापे
गिरफ्तारी के तुरंत बाद सीबीआई टीमों ने आरोपी एक्सईएन के दिल्ली और राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित आवासों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान टीम को कुल 1 करोड़ 60 लाख रुपये नकद बरामद हुए। इसके साथ ही, कई महंगी संपत्तियों के दस्तावेज, बैंक खातों में बड़ी जमा राशि, फिक्स्ड डिपॉजिट, निवेश और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें उजागर
सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि इस गिरफ्तारी और छापेमारी से यह संकेत मिलता है कि आरोपी इंजीनियर लंबे समय से ठेकेदारों से रिश्वत लेकर काम करवाने की आदत में था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह पहली बार नहीं है जब उसने इस तरह से अवैध तरीके से कमाई की हो। बरामद संपत्तियों के दस्तावेज और बैंक डिटेल्स से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि आरोपी की आय उसके ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक है।
कई अधिकारियों से संपर्क की भी जांच
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार इंजीनियर की कॉल डिटेल्स और दस्तावेजों से यह संकेत भी मिल रहे हैं कि उसका संपर्क अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, ठेकेदारों और बिल पास कराने वाले दलालों से था। एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं यह भ्रष्टाचार का कोई संगठित नेटवर्क तो नहीं, जिसमें अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हैं।
सरकारी संस्थानों में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश
इस कार्रवाई को सरकार की ओर से सार्वजनिक विभागों में भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है। सीबीआई की यह ट्रैप कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब देश में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग बढ़ रही है। लोक निर्माण विभाग जैसे अहम संस्थान में काम कर रहे अधिकारियों का इस प्रकार भ्रष्ट आचरण में लिप्त पाया जाना न केवल संस्था की छवि को प्रभावित करता है, बल्कि आम जनता की उम्मीदों को भी चोट पहुंचाता है।
एक्सईएन के खिलाफ आगे की कार्रवाई
सीबीआई ने आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां से उसे रिमांड पर लिया गया है। अब उससे पूछताछ के आधार पर आगे की जांच की जा रही है। बरामद दस्तावेजों और संपत्तियों के आधार पर आय से अधिक संपत्ति का अलग मामला दर्ज किया जा सकता है। जांच एजेंसी यह भी पता लगाने में जुटी है कि जिन परियोजनाओं में यह अधिकारी कार्यरत था, वहां किन-किन ठेकेदारों से पैसे की मांग की गई और कितना अवैध लेन-देन हुआ।

