बिलासपुर:- छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक औसत बारिश 500 मि.मी के आंकड़े को पार कर चुकी है. कई जगह खेती-किसानी के लिए राहत हो लेकिन कई जगह ये आफत भी बनती जा रही है. बिलासपुर जिले के सीपत थाना इलाके में भी एक कार नाले में बह गई. इसमें छोटे बच्चे समेत 9 लोग सवार थे. किसी तरह 8 लोग तो बचाए गए लेकिन छोटा बच्चा कार समेत बह गया. जिसकी तलाश की जा रही है.
हरेली पर मंदिर दर्शन कर लौट रहे थे: दरअसल हरेली पर्व पर माता शक्ति दाई मंदिर उच्चभट्ठी से परिवार दर्शन कर लौट रहा था. ग्राम खम्हरिया के रहने वाले 29 साल के मोहनलाल साहू अपनी पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के साथ कार में सवार था. इसी दौरान झलमला गांव के तुंगन नाला पुल पर करीब 3 फीट पानी बह रहा था. कार मोहन चला रहा था. पुल पार करते वक्त कार पानी के तेज बहाव में करीब 60 फीट दूर बह गई.
3 साल का मासूम हुआ लापता: कार में चार बड़े और 5 बच्चे सवार थे. हादसे में सभी लोग किसी तरह तैरकर बाहर निकल आए और 4 बच्चों को बचा लिया गया. मगर मोहनलाल का तीन साल का बेटा तेजस मां का हाथ छूटते ही कार समेत पानी के तेज बहाव में बह गया. सूचना मिलते ही सीपत टीआई गोपाल सतपथी पुलिस टीम और डायल 112 के साथ मौके पर पहुंचे.
अंधेरे में रेस्क्यू, लेकिन नहीं चला पता: रात के अंधेरे में तलाश करना मुश्किल हो रहा था रहा था. किसी तरह पुलिस और ग्रामीण युवाओं ने मशाल की रोशनी में नाले में उतरकर बच्चे और कार को खोजा, लेकिन कोई पता नहीं चल पाया. शुक्रवार की सुबह फिर से SDRF की टीम सर्च ऑपरेशन में जुटी है.
गौरेला-पेंड्रा मरवाही जिले में तो 3 जगह निर्माण कार्य बारिश में बह गया. रेलवे के पतेराटोला अंडर ब्रिज में भी पानी भरने से लोग परेशान हो रहे हैं. निर्माणधीन नेशनल हाईवे 45 में बने डायवर्सन दम तोड़ रहे हैं. मूसलाधार बारिश के बाद सेमरा से खोडरी जाने वाले मार्ग पर भदौरा गांव के पास बने पुलिया के ऊपर से बारिश का पानी बह रहा है. इससे वहां से गुजरने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बारिश से केवची गांव के पास नाले पर बना पुल टूट गया, जिससे पूरे गांव में बारिश का पानी भर गया.
ऐसा ही हाल बस्तर के सुकमा का है. यहां एक सड़क जो 3 साल से निर्माणाधीन थी और 2-3 महीने पहले ही जिसका काम पूरा हुआ वह बारिश में बह गई. हाल ही में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा मिट्टी, मुरुम और डब्ल्यूबीएम का कार्य पूरा किया गया था. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क का जो हिस्सा पानी में बहा है वहां पुलिया बननी थी. इसे ठेकेदार और विभाग ने नजरअंदाज कर दिया.
सुकमा जिले के ही चिंतलनार-जगरगुंडा मार्ग में बुधवार को एक बड़ा हादसा टल गया. नरसापुरम गांव के पास सिलगेर बाजार के लिए जा रही एक पिकअप वाहन कच्चे डायवर्सन से गुजर रही थी, तभी पानी के तेज बहाव और मिट्टी कटाव के कारण वाहन बेकाबू हो गया. गनीमत ये रही कि वाहन नाले में नहीं पलटा. इसके बाद वाहन में सवार व्यापारियों और ग्रामीणों की जान बाल-बाल बची.
अंबिकापुर शहर से लगे सबसे बड़े ग्राम पंचायत खैरबार में लोग अपना जीवन खतरे में डालकर नाला पार कर रहे हैं. 7 जुलाई को तेज बारिश के कारण गांव की पुलिया बह गई.जिसकी जानकारी प्रशासनिक अमला और विभाग को ग्रामीणों ने दी. बावजूद इसके एक हफ्ते बाद तक कोई भी गांव की सुध लेने नहीं पहुंचा. लिहाजा ग्रामीणों ने परेशानी दूर करने के लिए बांस का जुगाड़ पुल बना लिया. अब इसी जुगाड़ पुल के सहारे ग्रामीण नाले के आर पार जा रहे हैं.
अब छत्तीसगढ़ में बारिश के आंकड़ों पर नजर
छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 500.4 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 783.4 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है. बेमेतरा जिले में सबसे कम 271.7 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है.कहीं लोग मजबूरी में कहीं जानबूझकर जान जोखिम में डालकर उफनते नदी-नाले पार कर रहे हैं. शासन-प्रशासन या निर्माण एजेंसियों की लापरवाही भारी बारिश में ज्यादा खतरनाक हो रही है.