रायपुर : विकास कार्य में लापरवाही मामले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। नगरीय प्रशासन विभाग ने CMO, 3 इंजीनियर और एक लेखापाल को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। दरअसल रायगढ़ के नगर पंचायत घरघोड़ा क्षेत्र में विकास कार्य गड़बड़ी की शिकायत पायी गयी थी। शिकायत के आधार पर जांच कमेटी बनी थी। जांच कमेटी ने मामले में प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुमित मेहता को मामले में दोषी पाया। सीएमओ पर आरोप था, उन्होंने निविदा के प्रारुप को अनुमोदन सक्षम अधिकारी से नहीं कराया।
यही नहीं विभिन्न वार्डों में जो सीसी रोड बनाये गये, उनका कार्य भी मापदंड के अनुरूप नहीं था। साथ ही सीसी रोड निर्माण कार्य का भुगतान करने सहित कई अन्य मामलों में सीएमओ की भूमिका गैर जिम्मेदाराना रहा। जिसके बाद राज्य सरकार ने सुमित मेहता को सस्पेंड कर दिया है। उन्हें संयुक्त संचालक कार्यालय बिलासपुर में अटैच किया है। वहीं उप अभियंता निखिल जोशी, उप अभियंता प्रदीप पटेल, उप अभियंता अजय प्रधान पर भी विकास कार्य में लापरवाही के आरोप थे।
उन्होंने निर्धारित मापदंड के अरूप काम नहीं कराया। निविदा के प्रारुप का ना तो अनुमोदन किया और ना ही सीसी रोड निर्माण के लिए निजी और सार्वजनिक भूमि का सत्यापन किया। जांच में इनके कार्य के दौरान गंभीर लापरवाही सामने आयी थी, जिसके बाद इन तीनों को भी संयुक्त संचालक कार्यालय बिलासपुर अटैच किया गया है। वहीं लेखापाल जयानंद साहू को भी सस्पेंड कर दिया है। लेखापाल पर आरोप है कि गुणवत्ताहीन कार्य के बावजूद इन्होंने संबंधित लोगों को भुगतान कर दिया।