नई दिल्ली :- आपके मसूड़ों से खून आने के कई कारण हो सकते हैं. ज्यादा मामलों में, यह ओरल हेल्थ प्रॉब्लम्स के कारण होता है. लेकिन यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का लक्षण भी हो सकता है. इनमें हार्मोनल उतार-चढ़ाव, विटामिन की कमी, खून के थक्के जमने की समस्या और यहां तक कि तनाव भी शामिल है. इसके साथ ही, हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि हृदय रोग से पीड़ित लोगों के मसूड़ों से भी खून आ सकता है. हार्वर्ड हेल्थ द्वारा किए गए इस अध्ययन में कुछ और रोचक बातें सामने आई हैं. इसमें पाया गया कि जिन लोगों का ओरल हेल्थ खराब होता है, उन्हें हार्ट डिजीज का खतरा अधिक होता है. यह वाकई चौंकाने वाला है.
ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि मसूड़ों और दिल का क्या कनेक्शन है? तो शोधकर्ताओं ने इसे समझाया है. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी बताया है कि कैसे मुंह के स्वास्थ्य को बनाए रखें, आइए जानते हैं…
कुछ लोगों को ब्रश करते या कुछ खाते समय मसूड़ों से खून आने की समस्या होती है. अगर ऐसा नियमित रूप से हो रहा है, तो सतर्क हो जाइए और डॉक्टर से जरूर मिलें. दरअसल, हार्वर्ड हेल्थ के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में खुलासा किया है कि जिन लोगों को मसूड़ों में सूजन और खून आने जैसी समस्या होती है, उन्हें हृदय रोग का खतरा ज्यादा होता है. अध्ययन में यह भी पता चला है कि खराब ओरल हेल्थ वाले लोगों में यह समस्या अधिक आम है. ऐसे में सवाल उठता है कि मसूड़ों से खून आने और हार्ट डिजीज के बीच क्या संबंध है? ये दोनों कैसे जुड़े हैं? इस अध्ययन ने इसी सवाल का जवाब दिया है. आइए जानते हैं कि असल में यह कनेक्शन क्या है…
अध्ययन में क्या कहा गया
मसूड़ों की बीमारी और हार्ट डिजीज के बीच कोई सीधा संबंध है या नहीं, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि मसूड़ों की बीमारी हार्ट डिजीज का एक रिस्क फैक्टर हो सकता है. कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, मसूड़ों में संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं और दिल में सूजन और क्षति पैदा कर सकते हैं, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि बैक्टीरिया ही एकमात्र कारण नहीं हैं. जब मसूड़ों से खून आता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली तुरंत प्रतिक्रिया करती है. उनका कहना है कि इससे ब्लड वेसेल्स को भी नुकसान पहुंच सकता है.
सरल शब्दों में, मसूड़ों से खून आने और हार्ट डिजीज के बीच एक संबंध है, खासकर जब यह मसूड़ों की बीमारी (पेरियोडोंटल बीमारी) से जुड़ा हो. मसूड़ों की बीमारी में, मुंह से बैक्टीरिया ब्ल फ्लो में प्रवेश कर सकते हैं और शरीर में सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है.
एक और थ्योरी यह है कि इन दोनों बीमारियों के कारण एक जैसे हैं, यानी रिस्क फैक्टर एक जैसे हैं. मसूड़ों की समस्या और हृदय संबंधी समस्याएँ, दोनों ही अनहेल्दी आदतों के कारण होती हैं. खासकर धूम्रपान एक आम कारण लगता है. कुछ लोगों में, यह जेनेटिक भी होता है. अपने स्वास्थ्य का ध्यान न रखना, बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड फूड खाना और व्यायाम न करना न सिर्फ आपके ओरल हेल्थ को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि आपके हार्ट हेल्थ को भी. हालांकि, कुछ लक्षण ऐसे भी हैं जो मसूड़ों से खून आने से पहले दिखाई देते हैं. अगर आप इन पर ठीक से ध्यान दें, तो आपको पहले से ही सावधानी बरतने का मौका मिल जाएगा. आइए जानते हैं वे लक्षण क्या हैं…
लक्षण
ब्रश या फ्लॉसिंग करते समय मसूड़ों से काफी मात्रा में खून आना
मुंह से दुर्गंध आना
खाना चबाते समय बेहद दर्द होना
दांत अपने सामान्य आकार से काफी बड़े दिखाई देते हैं
कई बार इनके गिरने की भी आशंका रहती है
इसके साथ ही कुछ आदतें भी इस समस्या का कारण बनती हैं, जैसे कि
बहुत ज्यादा स्मोकिंग और च्युइंग गम चबाने मुंह में बैक्टीरिया पनपते हैं. साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है.
नतीजतन, हार्ट डिजीज होते हैं. मधुमेह रोगियों के मसूड़ों से खून आने की संभावना भी अधिक होती है. इससे भी हार्ट डिजीज होते हैं. मोटापा भी इसका एक कारण है. शरीर में सूजन बढ़ जाती है और चर्बी जमा हो जाती है. ज्यादा चीनी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी ये समस्याएं हो सकती हैं.
इन बातों पर दें ध्यान
अगर आप अपने मुंह का स्वास्थ्य अच्छा रखेंगे, तो ये समस्याएं दूर हो जाएंगी.
इसके लिए दिन में दो बार ब्रश जरूर करें.
मुलायम ब्रश का ही इस्तेमाल करें.
किसी भी ब्रश का इस्तेमाल तीन महीने से अधिक नहीं करना चाहिए.
फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें.
माउथवॉश का इस्तेमाल करना बेहतर है. हालांकि, इसमें एंटीबैक्टीरियल माउथवॉश होता है. इन्हें चुनना बेहतर है
अगर आप नियमित रूप से अपने दांतों की जांच करवाते हैं, तो कोई समस्या नहीं होगी.