नई दिल्ली:- भारत में वस्तु एवं सेवा कर को लागू हुए सात साल से अधिक का समय हो चुका है. इस दौरान टैक्स दरों में कई बार बदलाव किए गए, लेकिन मौजूदा व्यवस्था को लेकर अक्सर यह शिकायत रही कि टैक्स स्ट्रक्चर बेहद जटिल है. अब केंद्र सरकार ने इसे सरल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की अहम बैठक में केंद्र के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है, जिसमें मौजूदा चार स्लैब को घटाकर केवल दो करने की बात कही गई थी.
अब रहेंगे केवल दो स्लैब
फिलहाल जीएसटी 5%, 12%, 18% और 28% की चार दरों में लागू है. लेकिन अब 12% और 28% वाले स्लैब खत्म कर दिए जाएंगे. नए सिस्टम में केवल 5% और 18% की दरें ही लागू होंगी. 5% दर आवश्यक वस्तुओं पर और 18% दर सामान्य वस्तुओं पर लागू होगी. इसके चलते ग्राहकों और कारोबारियों दोनों के लिए टैक्स कैलकुलेशन आसान हो जाएगा.
हानिकारक वस्तुओं पर 40% टैक्स
बैठक में यह भी तय किया गया कि तंबाकू, पान मसाला और अन्य हानिकारक वस्तुओं पर विशेष दर से 40% जीएसटी लगाया जाएगा. इसका उद्देश्य जहां सरकार के राजस्व में इजाफा करना है, वहीं दूसरी ओर इन उत्पादों की खपत को नियंत्रित करना भी है.
किसानों, आम जनता और MSMEs को राहत
केंद्र सरकार का कहना है कि नए टैक्स ढांचे से आम आदमी, किसान, मध्यम वर्ग और MSMEs को राहत मिलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने से न केवल टैक्स अनुपालन आसान होगा, बल्कि प्रणाली भी अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनेगी.