उत्तरकाशी: उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2025 अब समापन की ओर बढ़ रही है. 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से शुरू हुई यात्रा का 25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने पर पूर्ण रूप से समापन होगा. वहीं यात्रा के समापन की शुरुआत 22 अक्टूबर गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने से होगी. इसके लिए मंदिर प्रशासन की तरफ से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है.
बुधवार 22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए जाएंगे. कपाट बंद करने का शुभ मुहूर्त अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में पूर्वाहन 11 बजकर 36 मिनट है. उसके बाद मां गंगा की विग्रह डोली भोगमूर्ति, आर्मी बैंड और स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए रवाना होगी. 22 अक्टूबर की रात को डोली मुखबा गांव से करीब दो किमी पहले मौजूद मार्कडेंय मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी. उसके बाद अगले दिन 23 अक्टूबर की दोपहर मां गंगा की विग्रह डोली मुखबा गांव पहुंचेगी. जहां मां गंगा की भोगमूर्ति को मंदिर में विधिविधान से शीतकाल 6 माह के लिए स्थापित किया जाएगा. इसके बाद 6 माह शीतकाल के लिए मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में ही होंगे.
गंगोत्री धाम यात्रा का समापन की तैयारी मंदिर समिति द्वारा पूरी कर ली गई है. वहीं 30 अप्रैल से शुरू हुई गंगोत्री धाम की यात्रा में 20 अक्टूबर शाम 7 बजे तक 7 लाख 57 हजार 10 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. दीपावली पर 937 श्रद्धालुओं ने मां गंगा का आशीर्वाद लिया.
इसके साथ ही यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर भैया दूज पर्व पर बंद होंगे. यमुनोत्री धाम के कपाट गुरुवार 23 अक्टूबर को विधि-विधान धन लग्न अमृत वेला पर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. इसके बाद अगले 6 माह शीतकाल में मां यमुना के दर्शन उनके मायके खरसाली गांव में स्थित यमुना मंदिर में होंगे. इससे पहले 23 अक्टूबर सुबह मां यमुना के भाई सोमेश्वर महाराज शनिदेव की डोली यमुनोत्री धाम अपनी बहन को लेने रवाना होगी. यमुनोत्री धाम के कपाट भी 30 अप्रैल को खुले थे. जबकि 20 अक्टूबर तक धाम में 6 लाख 44 हजार 208 श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन कर चुके हैं.