बालोद : बालोद जिले में जल संरक्षण को बढ़ावा देने तथा जल संरक्षण के कार्यों को प्रोत्साहित करने हेतु राज्योत्सव के अवसर पर ’जल जतन अभियान’ का शुभारंभ किया गया है।कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने बताया कि जिले में भूमिगत जल का अधिकांश भाग ग्रीष्मकालीन धान हेतु उपयोग में लाया जाता है। जिससे भविष्य में जल संकट की स्थिति निर्मित होने की संभावना बनी हुई है। उन्होंने बताया कि सेन्ट्रल ग्राउण्ड वाटर बोर्ड के रिपोर्ट के अनुसार जिले के गुरूर विकासखण्ड को क्रिटिकल जोन, बालोद, गुण्डरदेही विकासखण्ड को सेमी क्रिटिकल जोन तथा डौण्डी और डौण्डीलोहारा विकासखण्ड को सेफ जोन में रखा गया है।
जिले के विकासखण्डों में घटते हुए जलस्तर को दृष्टिगत रखते हुए ’जल जतन अभियान’ का संचालन किया जा रहा है। जिला स्तर पर इस दिशा में ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर गन्ना, गेहूँ, मक्का, चना सहित अन्य दलहन, तिलहन एवं सब्जी जैसी फसले लेने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।जिसके लिए ग्राम स्तर पर किसान चैपाल का आयोजन कर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। जल के सदुपयोग और संचय के तरीके के संबंध में ग्रामीणों से चर्चा एवं लघु फिल्म की प्रस्तुति के माध्यम से जल संचय के संबंध में जागरूक किया जाएगा।
जल संरक्षण के संबंध में रैली एवं नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जाएगा। जलवाहिनी, जलमित्र, महिला कमाण्डो के माध्यम से रबी फसल हेतु घर-घर सम्पर्क करते हुए लोगों को जागरूक किया जाएगा।सतही जल संग्रहण को बढ़ावा देने अधिक से अधिक तालाबों, कुंआ एवं वाटर रिचार्ज संरचना का निर्माण किया जाएगा। जल संरक्षण में किये गये उत्कृष्ट कार्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। जिले में ’जल जतन अभियान’ के सफलतापूर्वक संचालन हेतु कृषि, उद्यानिकी, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पंचायत विकास विभाग तथा जलवायु परिर्वतन एवं वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ग्राम पंचायतों के जन प्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता।
इस अभियान में आशातीत सफलता प्राप्त की जाएगी।आज कृषि विभाग के माध्यम से ’जल जतन अभियान’ के अंतर्गत बालोद विकासखण्ड के ग्राम लाटाबोड़, गुरूर विकासखण्ड के ग्राम कुम्हाखान, डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम साल्हे में कृषक चैपाल का आयोजन कर ग्रामीणों एवं किसानों को जल की उपयोगिता एवं जल संरक्षण तथा ग्रीष्मकालिन धान के बदले अन्य फसल लेने प्रोत्साहित किया गया।शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कंवर के स्कूली विद्यार्थियों द्वारा जागरूकता रैली के माध्यम से लोगों को जल की उपयोगिता के प्रति जागरूक किया गया तथा जल संरक्षण हेतु सोख्ता गड्ढा, रैन वाटर हार्वेस्टिंग आदि के लिए जागरूक किया गया।