नई दिल्ली :- भारतीय कुश्ती महासंघ ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जमा करने के आरोप में 11 पहलवानों को निलंबित करके एक सख्त कदम उठाया है. यह कदम दिल्ली नगर निगम द्वारा कुल 110 दस्तावेजों के सत्यापन के बाद उठाया गया है. इससे पहले दिल्ली की पहलवान रितिका के पिता ने आयु-वर्ग प्रतियोगिताओं की निष्पक्षता पर चिंता जताई थी. बता दें कि कुश्ती जगत में उम्र संबंधी धोखाधड़ी का यह पहला मामला नहीं है.
समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट ने इसकी पुष्टि की है और डब्ल्यूएफआई के एक अधिकारी ने कहा कि ये अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. अधिकारी ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, ‘हमने पहले ही कुछ कदम उठाए हैं और आगे भी जरूरी कदम उठाएंगे. डब्ल्यूएफआई एक साफ-सुथरी व्यवस्था चाहता है जहां किसी भी पहलवान के साथ अन्याय न हो.
95 में से 11 जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए
एमसीडी ने पाया कि इनमें से 95 प्रमाण पत्र उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के आदेश पर जारी किए गए थे और 11 प्रमाण पत्र फर्जी, फोटोशॉप्ड या डिजिटल रूप से छेड़छाड़ किए हुए पाए गए, जिसके बाद उन्होंने ये प्रमाण पत्र डब्ल्यूएफआई को भेज दिए. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि ये फर्जी प्रमाण पत्र सक्षम, मनुज, कविता, अंशु, आरुष राणा, शुभम, गौतम, जगरूप धनखड़, नकुल, दुष्यंत और सिद्धार्थ बालियान के हैं.
पहचाने गए 11 फर्जी प्रमाण पत्रों में से छह दिल्ली के नरेला क्षेत्र से, दो नजफगढ़ से, और एक-एक रोहिणी, सिविल लाइंस और सिटी क्षेत्र से थे. WFI ने पुष्टि की है कि छह पहलवानों को 7 अगस्त को निलंबन नोटिस जारी किया गया था, जबकि पांच को पहले भी इसी तरह के उल्लंघन के लिए निलंबित किया जा चुका है.
डब्ल्यूएफआई ने स्पष्ट किया, ‘दिल्ली नगर निगम ने उप-विभागीय मजिस्ट्रेट से आदेश मिलने के बाद ही 95 जन्म प्रमाण पत्र जारी किए हैं और एमसीडी की ओर से कोई चूक नहीं हुई है. उन्हें दो ऐसे प्रमाण पत्र भी मिले हैं जिनमें पंजीकरण की तारीख जानबूझकर अधिकारियों को गुमराह करने के लिए बदली गई थी.

