नई दिल्ली : हम तभी स्वस्थ रहेंगे जब हमारे दांत स्वस्थ होंगे इसलिए नियमित रूप से दांतों-मुंह की सफाई करना बहुत जरूरी है. हालांकि, कई लोग ब्रश करते समय कुछ गलतियां करते हैं. वे दांतों और मसूड़ों की बीमारी रक्तस्राव का कारण बनती हैं. मसूड़ों की बीमारी तब शुरू होती है जब आपके मसूड़ों के नीचे और साथ में प्लाक जम जाता है. National Institute of Health रिपोर्ट के अनुसार प्लाक एक संक्रमण पैदा कर सकता है जो मसूड़ों और आपके दांतों को जगह पर रखने वाली हड्डी को नुकसान पहुंचाता है.
मसूड़ों की बीमारी का एक हल्का रूप, जिसे मसूड़े की सूजन कहा जाता है, आपके मसूड़ों को लाल, कोमल और खून बहने की संभावना को बढ़ा सकता है. मसूड़े की सूजन को अक्सर हर दिन ब्रश करने और फ्लॉसिंग करके ठीक किया जा सकता है और रोका जा सकता है. पीरियोडोंटाइटिस मसूड़ों की बीमारी का एक और गंभीर रूप है, इसका इलाज डेंटिस्ट द्वारा किया जाना चाहिए. यदि इसका इलाज न किया जाए, तो इस संक्रमण से मसूड़ों में दर्द, रक्तस्राव, सांसों की बदबू, चबाने में दर्द और यहां तक कि दांत गिरने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. मसूड़ों की बीमारी को रोकने के लिए ये सावधानी बरतें.
नियमित रूप से चेकअप और सफाई के लिए अपने दंत चिकित्सक के पास जाएं.
फ्लोराइड टूथपेस्ट से दिन में दो बार अपने दांत ब्रश करें.
प्रतिदिन एक बार अपने दांतों के बीच फ्लॉस या सफाई करें.
संतुलित आहार खाएं .
धूम्रपान छोड़ें, धूम्रपान से मसूड़ों की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
अपने दांतों और मसूड़ों को कैसे साफ करें : दंत चिकित्सक आपको अपने दांतों को ब्रश करने और फ्लॉस करने का सुझाव इस प्रकार देते हैं:
अपने मसूड़ों के साथ सावधानीपूर्वक और धीरे से ब्रश करें.
मुलायम ब्रिसल वाले ब्रश और फ्लोराइड टूथपेस्ट से अपने दांतों को हर तरफ से धीरे-धीरे ब्रश करें.
छोटे गोलाकार गति और आगे-पीछे छोटे स्ट्रोक का प्रयोग करें.
हर तीन से चार महीने में अपना टूथब्रश बदलें.
अपने मुंह को साफ रखने के लिए अपनी जीभ को हल्के से ब्रश करें या जीभ खुरचने वाले उपकरण का उपयोग करें.
डेंटल फ्लॉस, प्री-थ्रेडेड फ्लॉसर, वॉटर फ्लॉसर या इसी तरह के किसी उत्पाद से अपने दांतों के बीच की सफ़ाई करें.
फ्लॉसिंग से प्लाक और बचा हुआ खाना निकल जाता है, जिस तक टूथब्रश नहीं पहुँच सकता.
फ्लॉस करने के बाद अपना मुंह पानी से धो लें.
इलेक्ट्रिक या बैटरी से चलने वाले टूथब्रश का उपयोग करें.
बड़े हैंडल वाले टूथब्रश का उपयोग करें.
यदि आपको दांतों से फ़्लॉस निकालने में परेशानी हो रही हो तो फ़्लॉस होल्डर का उपयोग करें.
अगर ब्रश करने या फ्लॉसिंग करने से आपके मसूड़ों से खून निकलता है या आपके मुंह में दर्द होता है, तो अपने डेंटिस्ट से मिलें. आपका दंत चिकित्सक आपको मुंह के स्वास्थ्य की देखभाल करने के सर्वोत्तम तरीके बता सकता है.
इसके अलावा, ठीक से ब्रश न करने से दांतों में दर्द और अन्य समस्याएं हो सकती हैं. इसी क्रम में ब्रश कैसे करें? मुझे किस प्रकार के ब्रश उपयोग करना चाहिए? ब्रश कितने दिन में बदलना चाहिए? जैसे सवालों के जवाब मशहूर डेंटिस्ट डॉ. विकास गौड़ ने दिए हैं.
डॉ. विकास गौड़ का कहना है कि एक ही टूथब्रश का इस्तेमाल ज्यादा दिनों तक नहीं करना चाहिए. आमतौर पर यह कहा जाता है कि टूथब्रश को हर 3 महीने में एक बार जरूर बदलना चाहिए. विशेषकर बीमार होने पर टूथब्रश बदलने की सलाह दी जाती है. डेंटिस्ट का कहना है कि लंबे समय तक एक ही ब्रश का इस्तेमाल करने से टूथब्रश में बैक्टीरिया जमा होने का खतरा बढ़ जाता है, इसके साथ ही दिन में दो बार, सुबह और रात में ब्रश करने की सलाह दी जाती है.
सफाई की अवधि : डॉ. विकास गौड़ के अनुसार कई लोगों का मानना है कि अगर वे लंबे समय तक जमकर ब्रश करेंगे तो उनके दांत साफ रहेंगे. लेकिन ऐसा करने से नुकसान ज्यादा होता है. बहुत देर तक ब्रश करने से दांतों पर एक कठोर बाहरी परत होती है जिसे इनेमल कहते हैं घिस सकती है. महत्त्वपूर्ण बात ये है कि ज्यादा देर तक ब्रश करने से बेहतर है कि आप किसी अच्छे टूथपेस्ट से 2 से 4 मिनट तक ब्रश करें. कुछ लोग केवल किनारों पर ही ब्रश करते हैं. ऐसा करने से मसूड़े घिस जायेंगे,