सरगुजा । अंबिकापुर की जनता लंबे समय से टूटी-फूटी सड़कों से परेशान है। विधानसभा चुनाव से लेकर नगर निगम चुनाव तक खराब सड़कों का मुद्दा प्रमुखता से उठा। नगर निगम क्षेत्र में कई प्रमुख सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्य निगम चुनाव से पहले कराए गए, लेकिन इनमें से अधिकांश सड़कें कुछ ही महीनों में उखड़ गईं। नगर निगम ने निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों के भुगतान को रोक भी दिया है।
अब इस मुद्दे को लेकर राजनीति गरमा गई है। नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने मुख्यमंत्री की 23 करोड़ रुपये की सड़क योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पांच महीने पहले अंबिकापुर की सड़कों के लिए 23 करोड़ की घोषणा की थी, लेकिन आज तक निगम को एक रुपया भी प्राप्त नहीं हुआ है। यह जनता के साथ छल है और अगर राशि जल्द नहीं आई तो मुख्यमंत्री के अगली बार दौरे पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।”
वहीं, महापौर मंजूषा भगत ने नेता प्रतिपक्ष के आरोपों को राजनीति से प्रेरित और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि, “मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृत राशि में से 3.83 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी की जा चुकी है और डामरीकरण के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा।”
स्थानीय जनता का भी फूटा गुस्सा
स्थानीय निवासियों ने बताया कि सड़कें इतनी खराब हैं कि बारिश के दिनों में घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। कहीं कीचड़, कहीं गड्ढे और कहीं अधूरी सड़कों ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। वाहन चालकों को दुर्घटनाओं का डर हमेशा बना रहता है।
महापौर का दावा, जल्द होगा काम शुरू
महापौर मंजूषा भगत का कहना है कि सरकार द्वारा अंबिकापुर को प्राथमिकता में रखा गया है और स्वीकृत राशि का उपयोग जल्द होगा। उन्होंने ठेकेदारों को चेताया है कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और पिछली गलतियों से सबक लेते हुए इस बार निगरानी कड़ी की गई है।