रायपुर : शिक्षकों व कर्मचारियों के ट्रांसफर बैन पर बैन हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। प्रत्येक वर्ष जून जुलाई माह में शिक्षको व कर्मचारियों के स्थानांतरण पर लगा परिबंध हटाया जाता है, जिसके तहत कम से कम दस प्रतिशत कर्मचारियों का स्थानांतरण स्वैच्छिक या प्रशासनिक आधार पर किया जाता है। परंतु इस बार जून माह निकल जाने के बाद भी अब तक शिक्षको व कर्मचारियों के स्थानांतरण पर लगे प्रतिबंध नहीं हटाए गए है। “छत्तीसगढ़ संयुक्त कर्मचारी मोर्चा” के प्रदेश संयोजक एवं “प्रधान पाठक मंच छत्तीसगढ़” के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष परस राम निषाद, प्रदेश उपाध्यक्ष नरेंद्र तिवारी, प्रदेश महामंत्रीगण प्रमोद कुंभकार, राजेश बघेल, राजीव टेमरे, जिलाध्यक्षद्वय पुरुषोत्तम शर्मा, परमेश्वर साहू, महेश्वर कोटपरहिया, महेंद्र टंडन, बरत राम रत्नाकर, निर्मल भट्टाचार्य, धन्नू साहू, उत्तम कुमार जोशी, एवं प्रदेश, जिला व ब्लाक पदाधिकारीगण उज्जवल चंद्रा ……… अभिमन्यु बघेल, रंजिता बरेठ, राजूकुमार संवरा, मयाराम सतरंज, ईशा नायक, राधेश्याम चंद्रा, यशवंती, धीवर, मनीराम केंवट, सुन्दर साहू, पुष्पेन्द्र बनाफर, नरेशचंद्रा, दादूलाल चंद्रा, मुकेश नायक, धर्मेंद्र रजक, गुणक चौधरी, रंजीत गुप्ता, सगुन तिवारी, गणपत राव, राधेश्याम धीवर, राजेश पाठक, अजित नेताम, विजेंद्र पाठक, श्याम केंवट, सुजाता त्रिपाठी, अजय भट्ट, कुमार पाठक, त्रिवेणी राजपूत, नामदेव सिंह आदि ने संयुक्त बयान जारी करते हुए राज्य सरकार से मांग की है कि इस वर्ष अर्थात 2024 की स्थानांतरण नीति शीघ्र ही जारी की जानी चाहिए। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू, पुरुषोत्तम शर्मा एवं महेश्वर कोटपरहिया ने कहा है कि प्रदेश में विगत दो वर्षो से शिक्षकों एवं कर्मचारियों के स्थानांतरण पर लगे प्रतिबंध को नहीं हटाया गया है जिसके कारण राज्य के हजारों कर्मचारी स्थानांतरण का बाट जोह रहे है। उक्त मामले में संगठन की ओर से राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है। यह बात उल्लेखनीय है कि पति पत्नी एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित अनेक आवेदन पिछले वर्ष से लंबित है जिसका निराकरण आज तक नहीं हो पाया है।पहले हर वर्ष जून जुलाई माह में कर्मचारियों के स्थानांतरण से प्रतिबंध हटाया जाता था लेकिन पिछले दो सालों से यह प्रतिबंध नहीं हटाए जाने के कारण कर्मचारियों को दिक्कतें आ रहीं है।