कोरबा : प्रदेश के 28 लाख निर्माण श्रमिकों के लिए प्रदेश की विष्णुदेव सरकार तीन नई योजनाओं की शुरुआत करने जा रही है। तीन नई योजनाओं का अनुमोदन शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री सह अध्यक्ष छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल लखनलाल देवांगन की अध्यक्षता में हुई संचालक मंडल की तृतीय बैठक में लिया गया।
वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री सह अध्यक्ष छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल लखनलाल देवांगन की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय अंतर्गत प्रदेश में निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना की प्रक्रिया की शुरुआत 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर होगी। इसी तरह निर्माण मजदूर परिवार सशक्तिकरण योजना, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं उनके बच्चों को उच्च शिक्षा आईआईटी, जेईई, नीट, सीए की परीक्षा के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना की शुरुआत होगी। साथ ही प्रदेश के 26.68 लाख निर्माणी श्रमिकों और उनके बच्चों को कौशल उन्नयन हेतु निर्माण मजदूर परिवार सशक्तिकरण योजना भी प्रारंभ की जाएगी। बैठक में श्रम विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी, वित्त विभाग की विशेष सचिव शीतल वर्मा, बीओसी की सचिव सविता मिश्रा, मुख्य निरीक्षक सह श्रमायुक्त एस.एस. पैकरा सहित अन्य उपस्थित रहे।
अन्य जिलों में शुरू होगी श्रम अन्न योजना-
संचालक मंडल की बैठक में वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री सह अध्यक्ष लखनलाल देवांगन ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की श्रमिक सम्मेलन में घोषणा अनुरूप शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना अंतर्गत सभी जिलों में योजना शुरू करने के निर्देश दिए गए। वर्तमान में 09 जिलों में कुल 33 भोजन केंद्र संचालित हैं।
सभी निर्माण श्रमिकों का होगा स्वास्थ्य परीक्षण-
बोर्ड की बैठक में निर्माणी श्रमिकों और उनके परिवार जनों के निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कराएं जाने पर भी मुहर लगी। स्वास्थ्य विभाग, ईएसआईसी से भी परीक्षण कराएं जाने का निर्णय लिया गया। इससे 26 लाख से अधिक श्रमिकों को लाभ मिलेगा।
बिना पंजीकृत श्रमिको के मृत्यु पर भी मंडल देगा 1 लाख की सहायता राशि-
मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के तहत बूथ पंजीकृत निर्माण श्रमिक को कार्यस्थल में दुर्घटना मृत्यु पर 5 लाख, स्थाई दिव्यांगत में ढाई लाख, सामान्य मृत्यु पर उनके वैध उत्तराधिकारी को 1 लाख की राशि दी जाती है, लेकिन अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मृत्यु उपरांत राशि देना का प्रावधान नहीं है।बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे श्रमिक की कार्यस्थल पर अगर मृत्यु होती है तो उनके परिवार को 1 लाख की सहायता राशि दी जाएगी। 21 अक्टूबर को जिला महासमुंद के श्रमिक परमानंद ध्रुव की ऊंचाई से गिर कर मौत हो गई थी। मृतक श्रमिक अपंजीकृत श्रमिक है। बोर्ड की बैठक में मृतक की पत्नी को 1 लाख रूपये सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया।