पेंड्रा:- छत्तीसगढ़ के पेंड्रा में बुधवार को उस वक्त तनाव की स्थिति बन गई जब जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने अपने 1173 समर्थकों के साथ मिलकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापित करने की कोशिश की। प्रशासन की अनुमति के बिना मूर्ति स्थापित करने को लेकर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी को अस्थायी रूप से गिरफ्तार कर लाल बंगला स्थित अस्थायी जेल में रखा। बाद में मुचलके पर सभी को छोड़ दिया गया।
मूर्ति स्थापना को लेकर विवाद पूरा घटनाक्रम ज्योतिपुर चौक का है, जो अजीत जोगी की समाधि से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। अमित जोगी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और मूर्ति स्थापना की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने इसे अवैध बताते हुए रोक दिया। प्रशासन का कहना है कि स्थल पर मूर्ति लगाने की कोई अनुमति नहीं ली गई थी, जिस कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की गई।
अमित जोगी का आरोप – “शासन ने कैद की मेरे पिताजी की प्रतिमा” गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बात करते हुए अमित जोगी ने कहा “मैंने कोई अनैतिक काम नहीं किया है। जमीन मेरी है, मूर्ति मेरे पिताजी की है। जनभावना के अनुरूप मैंने काम किया है। शासन ने मेरे पिता की प्रतिमा को जब्त कर लिया था, हम उसे छुड़ाने गए थे।” उन्होंने पूरे घटनाक्रम का जिम्मेदार जिले के आरएसएस प्रमुख के बेटे को ठहराया। उनका दावा है कि “घटना का मास्टरमाइंड वही है, जो सीसीटीवी फुटेज में भी नजर आया है। वही इस पूरी कार्रवाई के पीछे है।
आरएसएस पर तीखा हमला अमित जोगी ने आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा “मोहन भागवत कहते हैं कि बड़ों का सम्मान करना चाहिए, लेकिन उनके अनुयायी ठीक उसके विपरीत आचरण कर रहे हैं। अब RSS का मतलब ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ नहीं, बल्कि ‘राक्षस समाज भक्षक संघ’ हो गया है।” न्याय के लिए कोर्ट का रुख करेंगे अमित जोगी ने ऐलान किया कि वह इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय जाएंगे। उन्होंने कहा कि “बाबा साहब अंबेडकर के स्मारक में जाकर उनसे आशीर्वाद लेंगे और फिर इस मूर्ति न्याय की लड़ाई को हाईकोर्ट तक लेकर जाएंगे।