छतरपुर : एनसीईआरटी की पर्यावरण पुस्तक पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए एक अभिभावक ने छतरपुर पुलिस में लिखित शिकायत दी है। यह आपत्ति डॉक्टर राघव पाठक नाम के एक व्यक्ति ने दर्ज कराई है।
क्या है आपत्ति
राघव पाठक का आरोप है कि एनसीईआरटी की तीसरी क्लास में पर्यावरण विषय के 17 नंबर पेज से उन्हें आपत्ति है। इस पेज में ‘चिट्ठी आई है’ नाम का एक शीर्षक है, जिसमें रीमा नाम की लड़की अहमद को छुट्टियों में अगरतला आने का निमंत्रण देती है और अंत में लिखती है तुम्हारी रीना।
लव जिहाद को बढ़ावा मिलेगा इसलिए आपत्ति
राघव पाठक ने खजुराहो एसडीओपी को लिखित में एक शिकायती आवेदन देते हुए आपत्ति दर्ज कराई है। डॉक्टर राघव पाठक का कहना है कि ‘मेरी बेटी कक्षा तीसरी में पढ़ती है। एनसीईआरटी की पर्यावरण पुस्तक की पेज नंबर 17 पर रीना नाम की लड़की अहमद नाम के लड़के को एक पत्र लिखती है और पत्र के अंत में वह लिखती है कि तुम्हारी रीना। इस पर मुझे घोर अपत्ति है।
लव जिहाद को सीधा बढ़ावा
एक हिंदू लड़की एक मुस्लिम लड़के को पत्र लिख रही है और अंत में वह अपने आप को उसका बताती है। इससे साफ जाहिर है कि छोटे बच्चों के मन में लव जिहाद के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। आने वाले समय में लव जिहाद जैसी घटनाएं बढ़ेंगी। एक ओर सरकार लव जिहाद जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बना रही है दूसरी ओर एनसीईआरटी की यह किताब लव जिहाद को बढ़ावा दे रही है।
नाम बदले जाने की मांग
राघव ने कहा ‘मैं चाहता हूं कि इस पुस्तक के 17 नंबर पेज पर जिस चिट्ठी में अहमद और रीमा का जिक्र है, उसे बदला जाए या फिर इसे हटा दिया जाए। मैं भी एक पिता हूं और मेरी बेटी इस किताब को पढ़ रही है। मैं नहीं चाहता कि उसके मन में किसी भी तरह के कोई गलत भाव पैदा हों।’
वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी है शिकायत
मामले में खजुराहो एसडीओपी सुनील शर्मा का कहना है कि डॉ राघव पाठक ने लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत आवेदन दिया है। मामला पाठ्य पुस्तक से जुड़ा हुआ है इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों को यह आवेदन भेज दिया गया है। आगे की कार्यवाही वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में ही होगी।
राज्य से जुड़ा मामला राज्य सरकार को ही लिखना होगा
खजुराहो एसडीओपी सुनील शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि मामला राज्य सरकार से जुड़ा हुआ है। शिकायतकर्ता डॉ राघव पाठक को मैंने इस बात की सलाह दी है कि उन्हें अपनी आपत्ति राज्य सरकार को भी लिखित में देनी चाहिए। फिलहाल उनके द्वारा जो शिकायत का आवेदन हमें मिला है, वह हमने वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दिया है।