बीजापुर : बीजापुर के स्थानीय पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद बस्तर के पत्रकारों का गुस्सा फूट पड़ा है। पत्रकारों ने अपनी मांगों को लेकर बीजापुर में नेशनल हाइवे पर चक्काजाम कर दिया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पत्रकारों की मांग है कि हत्या के आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो, ताकि न्याय मिल सके। मुकेश चंद्राकर के अंतिम संस्कार से पहले पत्रकार अपने अधिकारों और न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। चक्काजाम में बड़ी संख्या में पत्रकार और उनके समर्थक शामिल हुए, और पुलिस बल भी मौके पर तैनात किया गया।
पत्रकारों ने अपनी मांगों में कहा कि बीजापुर और बस्तर संभाग में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की सभी संपत्तियां जब्त की जाएं और सरकारी संपत्ति घोषित की जाए। इसके अलावा, उन्होंने हत्याकांड में संलिप्त सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर और अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज करने की भी मांग की। पत्रकारों ने यह भी कहा कि सुरेश चंद्राकर को फांसी की सजा दी जाए, उनकी सुरक्षा में तैनात जवानों को हटाया जाए, और उनके सभी सरकारी टेंडर रद्द किए जाएं।
इसके अलावा, सुरेश चंद्राकर के अवैध यार्ड (बाड़ा) को तत्काल नष्ट करने, उनके गाड़ियों को राजसात करने, और गंगालूर रोड पर स्थित उनके प्लांट को सील करने की भी मांग की गई। इसके साथ ही पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक बीजापुर, जितेंद्र सिंह यादव को तत्काल सस्पेंड या तबादला करने की मांग की, और साथ ही युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर को शहीद का दर्जा देने की मांग की। पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे 5 जनवरी से बीजापुर में अनिश्चितकालीन चक्काजाम करेंगे।
बीजापुर में डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर और एसपी ने पत्रकारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने घटना क्रम पर चर्चा करते हुए अपनी कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। पत्रकारों के साथ बैठकर उन्होंने स्थिति की समीक्षा की।