Korba Poltics : कोरबा की राजनीति में गजब खेला हो गया। भाजपा बनाना चाहती थी, किसी और निगम सभापति, लेकिन पार्षदों ने ऐसा उल्टा चक्कर चलाया कि सभापति बन कोई और गया। कमाल की बात ये है कि सभापति चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को किसी और से नहीं, बल्कि अपनी ही पार्टी के बागी प्रत्याशी के हाथों करीब आधे वोट के अंतर से मात खानी पड़ी। चलिये अब अब इस पूरा खेला को विस्तार से समझते हैं।
दरअसल हुआ ये कि कोरबा नगर निगम में आज सभापति का चयन होना था। भाजपा ने इसके लिए हितानंद अग्रवाल को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया था। हालांकि नाम तो और भी कई गये थे, लेकिन पार्टी ने डिप्टी सीएम के चहेते हितानंद अग्रवाल पर ही मुहर लगायी। कोरबा के भाजपा पार्षदों पर थोपा गया ये नाम उन्हें मंजूर नहीं था, लिहाजा, पार्षदों ने खेला कर दिया।
भाजपा पार्षदों ने बागी तेवर दिखाते हुए मौके पर ही हंगामा किया और फिर आनन-फानन में अपना नेता नूतन सिंह ठाकुर को चुन लिया। समर्थन मिलता देख नूतन सिंह ठाकुर ने भी सभापति के लिए नामांकन दाखिल कर दिया। इधर, भाजपा को दो फाड़ होते देख निर्दलीय अब्दुल रहमान की उम्मीदें भी जाग गयी। उन्होंने भी निर्दलीय सभापति के लिए नामांकन दाखिल कर दिया।
भाजपा के अंदर ही अंदर खिचड़ी पक रही थी, लेकिन तब तक भाजपा को ये थोड़ी भी भनक नहीं थी, ये बगावत उन्हें हार का मुंह देखने को मजबूर कर देगी। लेकिन परिणाम जब आया, तो भाजपा के तोते उड़ गये। भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल को जहां सिर्फ 18 वोट मिले,तो वहीं पार्टी से बागी हुए नूतन सिंह ठाकुर को 33 वोट मिल गये, जबकि निर्दलीय अब्दुल रहमान को 16 वोट मिले।
क्या बोले मंत्री लखनलाल देवांगन
इस दौरान मौके पर खुद उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन मौजूद थे। सभापति चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी की करारी हार के बाद उन्होंने यू टर्न लेते हुए जीते हुए भाजपा पार्षद नूतन सिंह ठाकुर को भी अपना ही बताने लगे। हालांकि उन्होंने ये जरूर स्वीकार किया कि पार्टी ने जिन्हे प्रत्याशी बनाया था, उनकी हार हुई। लेकिन पार्षदों ने जो फैसला किया है, उसे पार्टी को अब मानना होगा।