नई दिल्ली : असम सरकार ने गुरुवार को मुसलमानों के विवाह और तलाक को पंजीकृत करने के कानून को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पेश किया, जिसमें कहा गया कि इसमें समुदाय के नाबालिगों के विवाह की अनुमति देने की गुंजाइश है। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन ने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 और मुस्लिम विवाह पंजीकरण अध्यादेश 2024 को खत्म करने के लिए विधानसभा में मुस्लिम विवाह पंजीकरण विधेयक-2024 पेश किया।
शादी और तलाक का पंजीकरण के लिए काजी नहीं अनिवार्यइसके तहत मुस्लिम समाज के लोगों को शादी और तलाक का पंजीकरण अब काजी नहीं, सरकार के पास कराना होगा। यही नहीं, बाल विवाह के पंजीकरण को अवैध माना जाएगा।
अदालतों में भारी संख्या में मुकदमें बढ़ रहे
जोगेन मोहन निरसन मुस्लिम विवाह पंजीकरण विधेयक-2024 के उद्देश्य और कारणों के विवरण में कहा कि 21 वर्ष और 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के विवाह को पंजीकृत करने की गुंजाइश नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि पुराने कानून में निगरानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी, जिससे अदालतों में भारी संख्या में मुकदमें बढ़ रहे थे।