रायपुर। छत्तीसगढ़ का पारंपरिक हरेली त्यौहार आज है। हरेली में किसान कृषि एवं लोहे के सभी औजारों और पशुओं की पूजा करते हैं। हरेली का अर्थ है “हरा” और “ली” का मतलब “लाना”, यानी हरियाली लाना। प्रदेश में उन्नत कृषि, पशुधन के उत्तम स्वास्थ्य, प्रदेश में हरियाली खुशहाली के लिए पर्व मनाया जाता है। ग्रामीण अंचलों में गेड़ी चढ़ाई की भी परंपरा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को हरेली त्यौहार की बधाई और शुभकामनाएं दी है। अपने शुभकामना संदेश में साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति यहां के उत्सवों में प्रमुखता से दिखाई देती है। छत्तीसगढ़ का लोक त्यौहार हरेली छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रचा-बसा खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है। इसमें अच्छी फसल की कामना के साथ खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा की जाती है। इस दिन धरती माता की पूजा कर हम भरण पोषण के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं।
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अनुरोध करते हुए कहा है कि इस बार हम धरती माता का आभार उनकी पूजा करने के साथ ’एक पेड़ माँ के नाम’ लगाएं और हरेली की खुशियां मनाएं। साय ने कहा कि हरेली त्यौहार प्रदेशवासियों के जीवन में खुशियां और समृद्धि लेकर आए।