कांकेर:- देश के 12 राज्यों में एसआईआर (विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण) अभियान चल रहा है. इसी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में भी बीएलओ घर घर जाकर लोगों से SIR फॉर्म भरवा रहे हैं. लेकिन सरोना तहसील में बीएलओ को कुछ परिवारों के घर बार बार चक्कर लगाना पड़ रहा है.
कई आदिवासी परिवारों ने नहीं भरा एसआईआर फॉर्म
कांकेर जिले के सरोना तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत लेंडारा और सरोना पंचायत के 50 आदिवासी परिवारों ने प्रशासन की नींद उड़ाकर रख दी है. यह परिवार न तो एसआईआर फॉर्म लेने को तैयार हैं और न ही किसी सरकारी योजना से जुड़ना चाहते हैं.
ना वोट डालते हैं ना राशन लेते हैं पीएम आवास लेने से भी किया मना
ये आदिवासी परिवार पिछले दो-तीन चुनावों से मतदान तक नहीं कर रहे. इनके नाम से राशन तो आता था, लेकिन उनके राशन नहीं उठाने से उनके कोटा का राशन भी आना बंद हो गया है. दो परिवार का प्रधानमंत्री आवास आया तो बनाने से स्पष्ट मना कर दिया गया. ग्रामीण स्तर पर बैठक कर सरपंच, सचिव, पटवारी, बीएलओ सभी इन्हें समझाने का हर प्रयास कर चुके हैं, लेकिन ये परिवार तैयार नहीं हैं.
चार बार घर जाकर समझा चुके हैं बीएलओ
सरोना पंचायत के बीएलओ रजमान नेताम बताते हैं सरोना में 22 लोग हैं, जिन्होंने SIR फॉर्म लेने और उसे जमा करने से इनकार कर दिया है. 22 लोगों ने एक साथ बैठक कर मुझे बुलाया और SIR फॉर्म लेने और भरने से इनकार कर दिया. इनके पास आधार कार्ड तक नही हैं. मैंने चार बार उनके घर जाकर समझाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने साफ तौर पर इनकार कर दिया है. वो शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं लेना चाहते हैं.

