नई दिल्ली :- मोदी सरकार गुटखा-सिगरेट और पान मसाला उद्योग पर सख्त कार्रवाई करने जा रही है। जी हां…सरकार GST कंपनसेशन सेस खत्म होने के बाद भी तंबाकू और पान मसाला जैसे सिन गुड्स पर मौजूदा टैक्स बोझ बनाए रखने के लिए दो नए बिल ला रही है, ताकि इन पर पहले जैसा ही टैक्स असर जारी रहे। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल-2025 और हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल-2025 पेश करेंगी।बता दें किसंसद का शीतकालीन सत्र-2025 आज (एक दिसंबर) से शुरू हो रहा है। 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में 10 बिल पेश होंगे। इन बिल में ‘नेशनल सिक्योरिटी और जन स्वास्थ्य सेस’ बिल है। जो निर्माताओं पर नियंत्रण रखेगा।
तंबाकू और पान मसाला पर सेस
बता दें कि 3 सितंबर, 2025 को GST काउंसिल ने तंबाकू और पान मसाला पर तब तक कंपनसेशन सेस जारी रखने का फैसला किया था जब तक लिए गए लोन चुका नहीं दिए जाते। दूसरी महंगी चीजों पर, कम्पनसेशन सेस 22 सितंबर को खत्म हो गया, जब GST रेट को सिर्फ 5% और 18% वाले दो टैक्स स्लैब के साथ लागू किया गया था। बहुत महंगे सामान और एरेटेड ड्रिंक्स के लिए 40% का रेट तय किया गया था। सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल 2025 और हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025 यह पक्का करेंगे कि कम्पनसेशन सेस बंद होने के बाद भी तंबाकू और पान मसाला जैसी नशे वाली चीजों पर टैक्स का असर वैसा ही रहे।
आइए, दोनों सेस बिल के बारे में बड़ी बातें जानते हैंः-
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह बिल लोकसभा में रखेंगी। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं के लिए अतिरिक्त धन जुटाना है।
- नया सेस गुटखा-पान मसाला बनाने वाली मशीनों और उत्पादन प्रक्रिया पर लगेगा। यानी टैक्स उत्पादन क्षमता के आधार पर तय होगा, न कि तैयार उत्पाद की मात्रा पर।
- चाहे सामान मशीन से बने या हाथ से, सभी निर्माताओं को हर महीने सेस देना अनिवार्य होगा। हाथ से उत्पादन करने वालों के लिए भी फिक्स्ड मासिक शुल्क तय होगा।
- संसद में मंजूरी के बाद इस सेस से जुटाई गई राशि राष्ट्रीय सुरक्षा और पब्लिक हेल्थ प्रोजेक्ट्स पर खर्च की जाएगी। जरूरत पड़ने पर सरकार इस सेस को दोगुना भी कर सकती है।
- नियमों का पालन न करने पर 5 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
- हर गुटखा-पान मसाला निर्माता को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बिना उत्पादन करना अवैध माना जाएगा।
- यह बिल तंबाकू और पान मसाला उद्योग पर नकेल कसने और सरकारी राजस्व बढ़ाने की दिशा में सरकार का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है।

