महासमुंद:- जिले में एक बार फिर गरीबों के राशन पर डाका पड़ा है। ग्राम पंचायत खैरझिटी की सरकारी राशन दुकान में लाखों रुपये का घोटाला सामने आया है। खाद्य विभाग की जांच में 58 क्विंटल राशन गायब मिला, जबकि ग्रामीणों का दावा है कि 200 क्विंटल से ज्यादा चावल-दाल कालाबाजारी में बेच दिया गया।
4 या 5 दिन ही खुलती है राशन दुकान
ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी उचित मूल्य की दुकान महीनों में 4 या 5 दिन ही खुलती है। सबसे बड़ी बात – यह दुकान एक महिला स्व-सहायता समूह को दी गई थी, लेकिन समूह अध्यक्ष के बेटे ने इसे अपने कब्जे में लेकर खुलेआम लूट मचाई।
लाखों की हेराफेरी
महासमुंद शहर से महज 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत खैरझिटी… जहाँ गरीबों का हक बनने वाला राशन अब कालाबाजारी का शिकार बन गया है। यह है महिला एकता शबरी स्व-सहायता समूह की उचित मूल्य की दुकान… जिसे समूह की अध्यक्ष के बेटे सुरेंद्र पाटले ने संचालित किया और लाखों की हेराफेरी कर डाली।
खाद्य विभाग की जांच में 58 क्विंटल चावल गायब मिले। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि असल में 200 क्विंटल से ज्यादा राशन बाजार में बेचा गया। तीन महीने से पूरा राशन नहीं मिला। जब ग्रामीण राशन लेने पहुंचते हैं तो सुरेन्द्र पाटले गाली देता है। कहता है ‘जा जहां शिकायत करना है शिकायत करो’।
राशन कार्ड बनाने लिए 2 से 3 हजार
इतना ही नहीं राशन दुकान के संचालक ने राशन कार्ड बनवाने के लिए ग्राम के सैकड़ों गरीब परिवार से 2 से 3 हजार रुपये लिए, लेकिन आज तक राशन कार्ड नहीं बन पाया है।”“केंद्र सरकार का मुफ्त राशन भी दुकानदार ने बेच खाया है ग्रामीण भूखे मर रहे हैं और उचित मूल्य दुकान का संचालक करोड़पति बन रहा है।

