मेरठ:- ढाई साल के बच्चे के इलाज में बड़ी लापरवाही सामने आई है। बच्चे को आंख के पास चोट लगी थी और खून बह रहा था। परिजन उसे नजदीकी निजी अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टर ने टांका लगाने के बजाय कहा ₹5 की फेवीक्विक ले आओ। परिजन कुछ समझ पाते इससे पहले ही डॉक्टर ने फेवीक्विक लगाकर घाव चिपका दिया।
फेवीक्विक हटाने में लगे 3 घंटे
जब बच्चे का दर्द कम नहीं हुआ तो परिजन उसे दूसरे अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने बच्चे की चोट देखकर फेवीक्विक हटाने में 3 घंटे लगाए। इसके बाद ही सही तरीके से टांका लगाया जा सका। अब बच्चा सुरक्षित है।

