जगदलपुर:- आंध्रप्रदेश पुलिस ने दक्षिण बस्तर-दंडकारण्य क्षेत्र में सक्रिय सीपीआइ (माओवादी) नेटवर्क को सबसे बड़ा झटका देते हुए पांच जिलों से कुख्यात माओवादी हिड़मा की बटालियन के 50 माओवादी कैडर गिरफ्तार किए हैं। यह कार्रवाई मंगलवार को मारेडुमल्ली क्षेत्र में हुई उस मुठभेड़ के बाद तेज हुई, जिसमें केंद्रीय समिति सदस्य और बटालियन नंबर-1 के प्रभारी माड़वी हिड़मा, उसकी पत्नी राजे समेत छह माओवादियों को ढेर कर दिया गया था।
आंध्रप्रदेश पुलिस के अनुसार, हिड़मा की मौत के बाद उसके नेटवर्क से जुड़े दर्जनों कैडर छत्तीसगढ़ के सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और पश्चिम बस्तर इलाकों से भागकर आंध्रप्रदेश के शहरी इलाकों में छिपने पहुंचे थे। उनका उद्देश्य संगठन की कमांड संरचना को दोबारा खड़ा करना और नई वारदातों की तैयारी करना था।
पुलिस ने खुफिया इनपुट के आधार पर कृष्णा, एलुरु, एनटीआर विजयवाड़ा, काकीनाडा और कोनसीमा जिलों में साइलेंट और सटीक ऑपरेशन चलाकर उन्हें गिरफ्तार किया। पूरी कार्रवाई में न नागरिक प्रभावित हुए और न ही किसी पुलिसकर्मी को चोट आई।
गिरफ्तार कैडरों में संगठन के कई शीर्ष स्तर के सदस्य शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गिरफ्तारी दक्षिण बस्तर के माओवादी ढांचे की कमर तोड़ देने वाली साबित होगी। पिछले एक वर्ष में एओबी (आंध्रा-ओडिशा-बार्डर) और साउथ बस्तर दोनों क्षेत्रों में उदय, अरुणा, जगन और अब हिड़मा जैसे बड़े नेताओं के मारे जाने के बाद यह ऑपरेशन संगठन के लिए सबसे बड़ा संकट बन गया है।
नकद और हथियार: बड़ी मात्रा में सामग्री जब्त
पुलिस ने गिरफ्तार माओवादियों से 12,72,000 रुपये नगद और कुल 39 हथियार बरामद किए हैं। इनमें एक पिस्तौल, दो रिवाल्वर, दो डबल बैरल गन, 31 कंट्री मेड बंदूकें, दो तमंचे और एक लकड़ी की 8 मिमी गन शामिल है। इसके अलावा 302 राउंड, दो मैगजीन, 64 मेमोरी कार्ड, मोबाइल फोन और एक रेडियो सेट भी मिला है। बरामद सामग्री से यह स्पष्ट होता है कि कैडर संगठन को दोबारा सक्रिय करने की तैयारी में थे.

