रायपुर:- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कलेक्टर्स एवं वन मंडलाधिकारियों की बैठक मंत्रालय में शुरू हो गई है। बैठक में वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव विकास शील, अपर अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही श्रीनिवास राव, कलेक्टर, वनमण्डलाधिकारी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित है।
बैठक में वनों से आजीविका के तहत तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभान्वित करने पर चर्चा
तेंदूपत्ता का भुगतान सात से 15 दिनों में किया जाना सुनिश्चित किया जाये
भुगतान की जानकारी sms के माध्यम से संग्राहक के मोबाइल पर भेजने की व्यवस्था की जाये
लगभग 15 लाख 60 हज़ार संग्राहक को जानकारी ऑनलाइन हुई
सभी भुगतान बैंक खातों के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित करें
तेंदूपत्ता संग्रहण की पूरी प्रक्रिया को कंप्यूटरीकृत करने की पहल हो
बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, जिलों में पिछले सीजन में हुए तेंदूपत्ता संग्रहण की जानकारी ली
आने वाले सीजन के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए गए
लधु वनोपजों को वनाचलों में आजीविका का महत्वपूर्ण साधन के रूप में विकसित किया जाय
लधु वनोपज आधारित स्टार्टअप को बढ़ावा दे
वन धन केन्द्रों को मजबूत करें
छतीसगढ़ हर्बल और संजीवनी के उत्पादों को प्रमोट करें
ग्रामीण-शहरी इलाकों में इन उत्पादों को अधिक से अधिक विक्री का प्रयास करे ताकि इसका मार्केट विकसित हो
उत्पादों का जैविक प्रमाणीकरण तेजी से हो
औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई जाये
धमतरी, मुंगेली, जीपीएम जिले में औषधीय पौधों की खेती पर सभी उपस्थित डीएफओ को जानकारी दी गई
औषधीय पौधों की खेती से परम्परागत उपचार का ज्ञान भी आगे बढ़ेगा
औषधीय पादप बोर्ड के सीईओ ने इस क्षेत्र में संभावनाओं और लोगो के आजीविका को बढ़ाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी
औषधीय पौधों की खेती के विस्तार के लिए प्रचार प्रसार गतिविधियां बढ़ाई जाये
कृषि, उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले की सहायता ले
3.71 लाख हेक्टेयर कुल उत्पादक बांस वन क्षेत्र
मुख्यमंत्री ने बाजार में ज्यादा कीमत पर विक्रय होने वाली बांस की प्रजातियों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए
बांस वन आधारित आजीविका को बढ़ावा दिया जाए
विशेष पिछडी जनजातियों की आय का मुख्य साधन बांस और उस से बने उत्पाद
राज्य में 28 बांस प्रसंस्करण केंद्रों को सक्रिय करना है
बांस शिल्पकारों को मार्केट से संपर्क स्थापित करने में सहयोग करना है
जनजातीय परिवारों को बाजार की मांग के अनुसार प्रशिक्षण देन