नई दिल्ली: देश में रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने रेल मंत्रालय की चार रेल परियोजनाओं को मंजूरी दे दी, जिनकी अनुमानित लागत कुल 24,634 करोड़ रुपये है.
कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “आज की कैबिनेट बैठक में हमने चार नई रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है. ये रेल परियोजनाएं हैं: वर्धा-भुसावल – तीसरी और चौथी लाइन – 314 किलोमीटर (महाराष्ट्र), गोंदिया-डोंगरगढ़ – चौथी लाइन – 84 किलोमीटर (महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़), वडोदरा-रतलाम – तीसरी और चौथी लाइन – 259 किलोमीटर (गुजरात और मध्य प्रदेश), और इटारसी-भोपाल-बीना चौथी लाइन – 237 किलोमीटर (मध्य प्रदेश).
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के कुल 18 जिलों को कवर करने वाली ये परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 894 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी. उन्होंने आगे कहा कि स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 3,633 गांवों, जिनकी आबादी लगभग 85.84 लाख है, और दो आकांक्षी जिलों (विदिशा और राजनांदगांव) तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि सात रेलवे कॉरिडोर कुल रेल यातायात का 41% हिस्सा वहन करते हैं. हमने हाल ही में इन कॉरिडोर को मजबूत करने और और अधिक जोड़ने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं. अब, हमने इन कॉरिडोर में न्यूनतम चार लेन और जहां संभव हो, छह लेन बनाने का निर्णय लिया है.
भारत ने माल ढुलाई में अमेरिका को पीछे छोड़ा
उन्होंने कहा, “अब हम अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया के दूसरे सबसे बड़े माल ढुलाई वाले देश बन गए हैं. हम 10 साल पहले जहां थे, उससे हमने बहुत बड़ी छलांग लगाई है.
उन्होंने कहा, “बढ़ी हुई लाइन क्षमता गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी, जिससे भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा. ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए तैयार हैं. ये परियोजनाएं क्षेत्र के लोगों को व्यापक विकास के जरिये “आत्मनिर्भर” बनाएंगी जिससे उनके रोजगार या स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे.