नई दिल्ली :- कल, आज और कल… इतिहास गवाह रहा है कि सोने की चमक कभी फीकी नहीं पड़ी. धरती की ये पीली धातु हमेशा से लोगों के लिए सपना रहा है. प्रिय वस्तु रही है. हर किसी के मुसीबत का सहारा रही है. दुनिया भर की सरकारों के लिए भी संकटमोचक रही है. बीते एक साल से सोने ने लोगों की नींद उड़ा रखी है. जो गोल्ड खरीद चुका है, वो इसलिए बेचैन है कि उसने इतना ही क्यों खरीदा. वहीं जो खरीद नहीं पाया, वो ये सोचकर जाग गया है कि मैंने कुछ तो खरीद लिया होता, भविष्य में काम आता.
हां, हम बात कर रहे हैं स्वर्ण की, जिसे हम सोना कहते हैं. गोल्ड कहते हैं. चमकीली पीली धातु कहते हैं. जो हजारों हजार साल से राजाओं, महाराजाओं से लेकर जनता तक की खूबसूरत पसंद रही है. महिलाओं-लड़कियों के लिए ये मात्र खूबसूरती का साधन ही नहीं मुसीबत के वक्त का एक बड़ा सहारा है.
सोना आजकल रिकॉर्ड हाई रेट पर बिक रहा है. कल मंगलवार 23 सितंबर शाम को 999 शुद्धता वाले 24 कैरेट सोने का रेट 114314 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो आज बुधवार, 24 सितंबर 2025 की सुबह गिरावट के साथ 114044 रुपये तक आ गया है.
क्यों बढ़ रहा है सोने का भाव: सोने के भाव में बढ़ोतरी के पीछे कई रीजन दिख रहे है. पहली ये ही बाजार में जब अनिश्चितता रहती है. अमेरिका में उथल-पुथल होती है…ब्याज दरों को लेकर अटकलें लगती है. फेड को लेकर चर्चा होती है. बाजार को लेकर कयास लगाए जाते हैं. डॉलर इंडेक्स को लेकर बाजार ऊहापोह में रहता है. स्टॉक मार्केट में प्रॉफिट बुकिंग का दौर चलता है. तेल की कीमतों में उठापटक चलती है. इसी कड़ी में डॉलर नरम होता है. रुपया कमजोर होता है, तो सोने के भाव चढ़ते हैं.
इतना ही नहीं धीमी होती आर्थिक वृद्धि, उच्च मुद्रास्फीति, बदलते भू-राजनीतिक नजरिया और कमजोर अमेरिकी डॉलर की वजह से सोने में निवेश बढ़ने के कारण इसके भाव बढ़ रहे हैं.
आजकल चीन में बाजार दर स्थिर है. वहां यह दर साल भर से 3 फीसदी है. वहीं यूएसए में पेडरल दरें घटाई गई हैं. इसकी वजह से भी सोना और चमकीला हो गया है. डॉलर में नरमी है. रुपए में कमजोरी ने भी सोने की कीमतों में अप्रत्याशित उछाल पैदा की है.
इस बीच अमेरिकी फेडरल बैंक ने ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती के कारण भी सोने के भाव बढ़े हैं. वहीं इस साल दिसंबर तक अतिरिक्त ब्याज रियायतों की संभावनाओं ने भी सोने को और महंगा करेगा. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है. डॉलर इंडेक्स में नरमी और रुपये में कमजोरी से सोने के दाम में उछाल आया है.
इतना ही खबर ये है भारत सहित कई देशों के केंद्रीय बैंक गोल्ड की लगातार बड़ी खरीदारी कर रहे हैं. जिसकी वजह से मार्केट में सोने को लेकर बूम आया हुआ है. वहीं, ETF में मजबूत निवेश और सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी ने भी सोना जैसी कीमती धातुओं की मजबूती को और बढ़ा दिया है.
इस साल अब तक काफी भाग चुका है सोना: बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं, मजबूत खुदरा मांग, केंद्रीय बैंकों की आक्रामक खरीदारी, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और कमजोर अमेरिकी डॉलर के चलते इस साल सोने की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है. भारत में हाजिर सोने की कीमतों में इस साल अब तक 47 प्रतिशत का उछाल आया है.
24 सितंबर बुधवार को सोने की कीमतों में गिरावट आई, जो अपने उच्चतम स्तर 1,14,179 रुपये से 900 रुपये कम हो गई. इसकी वजह ये रही कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को कम कर दिया. हालांकि इस गिरावट के बावजूद बावजूद, वैश्विक अनिश्चितता के बीच इस महीने में 24 सितंबर तक सोने में 9,600 रुपये की बढ़ोतरी .
इसके पीछे ये रहा कि निवेशकों ने सोने को ऊंचे भाव को देखते हुए मुनाफावसूली की. इतना ही नहीं डॉलर इंडेक्स में मुनाफा वसूली रही. इसी वजह से निवेशकों ने सुरक्षित-संपत्तियों जैसे सोने और चांदी पर अपना भरोसा कायम रखा है. कुल मिलाकर देखें तो डॉलर इंडेक्स में एक और गिरावट देखी गई. रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरता ही जा रहा है. इन सब वजहों से सोने और चांदी की कीमतों को बल मिला है.
इसके साथ ही मजबूत वैश्विक केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी कर रहे हैं. ईटीएफ में वृद्धि हो रही है. लोग सुरक्षित निवेश के लिए सोने और चांदी की खरीदारी करने में लगे हैं. जिसकी वजह से सोने की कीमतों उछाल देखने को मिल रहा है.

